नई दिल्ली: जम्मू -कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का फैसला हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि इससे राज्य में सक्रिय आतंकी नेटर्वक को खत्म करने में मजूबती मिलेगी। जानकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय के आदेश जारी होने के बाद कुछ जवानों को विमान से कश्मीर पहुंचाया जा चुका है।

बता दें कि 25 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू- कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा जवान भेजने का फैसला किया था। मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि इससे सीआई ग्रेड को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही आदेश में कहा गया था कि अतिरिक्त सुरक्षा जवान भेजने से जम्मू- कश्मीर की कानून- व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के बाद इस पर सियासत होना भी शुरू हो गई है। जम्मू- कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सरकार के इस आदेश का कड़ा विरोध जताया है। पीडीपी चीफ ने कहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के लोगों के मन में डर पैदा हो गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा,'घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय मनोविकृति पैदा की है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करना होगा।'

रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के आदेश जारी करने के बाद ही देश के विभिन्न हिस्सों में केंद्रीय सुरक्षा बलों में तैनात जवानों को विमान से सीधे जम्मू- कश्मीर पहुंचाया जा रहा है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा है कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 कंपनियां तैनात की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हर कंपनियों में 100 जवान शामिल रहेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बलों में रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत- तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शामिल हैं।

सूत्रों से मिला जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बुधवार को बिना किसी अधिकारिक जानकारी के घाटी का दौरा करने श्रीनगर पहुंचे थे। एनएसए चीफ ने वहां पहुंचकर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के उच्च अधिकारियों के साथ अलग- अलग बैठक की थी और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। जानकारी के मुताबिक, अजीत डोभाल ने डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी, आईजी एसपी पाणि और राज्यपाल के सलाहकार के.विजय के साथ बैठक की थी।