नई दिल्ली: देश के ऑटो सेक्टर में बीते काफी समय से गिरावट का दौर जारी है। बीते 8 माह से लगातार देश के डोमेस्टिक पैसेंजर कार की बिक्री में कमी आ रही है। आंकड़ों के अनुसार, जून 2018 में 2,73,748 डोमेस्टिक पैसेंज कार की बिक्री हुई। वहीं जून 2019 में यह आंकड़ा घटकर 2,25,732 तक पहुंच गया। इस तरह बीते साल ऑटो सेक्टर में 17.54 प्रतिशत की भारी-भरकतम कटौती हुई। उल्लेखनीय है कि बीते 12 महीनों में से 11 महीनों में ऑटो सेक्टर ने मंदी का दौर देखा है, सिर्फ अक्टूबर, 2018 में ही इस सेक्टर में थोड़ी सी ग्रोथ देखी गई।

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, बीते माह जून में कारों की बिक्री 24.97 प्रतिशत तक गिर गई है। वहीं दोपहिया वाहनों की बिक्री में 11.69% की गिरावट आयी है। कर्मिशियल व्हीकल्स की बिक्री में 12.34% और थ्री व्हीलर की बिक्री में 8.8% की कमी आयी है। कुल व्हीकल बिक्री की बात करें तो यह 22,79,186 यूनिट से घटकर 19,97,952 यूनिट पर आ गई है। मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में तो ऑटो सेक्टर में भारी गिरावट आयी है और यह 18.42 प्रतिशत घट चुकी है। बीते 18 सालों में यह सबसे खराब तिमाही है।

ऑटो सेक्टर में गिरावट का दौर बीते साल जुलाई में शुरु हुआ, जो कि आने वाले दिनों में काफी ज्यादा बढ़ गया। इसके पीछे की वजह IL&FS संकट और क्रेडिट में कमी को माना जा रहा है। SIAM अध्यक्ष राजन वढ़ेरा के अनुसार, इंडस्ट्री ने इस तरह की गिरावट नहीं देखी है। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इंडस्ट्री इस संकट से उबर जाएगी। हुडई मोटर्स इंडिया लिमिटेड के एमडी और सीईओ एसएस किम के अनुसार, इंडस्ट्री इस वक्त कैश की समस्या से गुजर रही है। ग्राहकों को नई कार आदि खरीदने के लिए पहले लोन आसानी से मिलता था, लेकिन अब यह मुश्किल हो गया है।

किम के अनुसार, बैंकों की लेंडिंग वाली स्थिति को सुधारकर ऑटो सेक्टर में जारी गिरावट को दूर किया जा सकता है। गौरतलब है कि बीती तिमाही में भारत का ऑटो सेक्टर में निर्यात बढ़ा है। पैसेंजर व्हीकल और टू-व्हीलर में यह तेजी 3.55% और 3.12% रही।