नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी संगठन में जल्दी ही कुछ नए चेहरे नज़र आ सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से 12 जोशीले प्रचारकों की मांग की है. इसके बाद से अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी की संगठन में बड़े बदलाव आने की उम्मीद है.

माना जा रहा है कि इन प्रचारकों को बीजेपी में प्रदेश संगठन से लेकर राष्ट्रीय संगठन तक में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. इन्हें परंपरा अनुसार संगठन मंत्री बनाया जाएगा. बीजेपी में हर स्तर पर प्रचारकों के लिए पद रहते हैं.

11 जुलाई से शुरू होकर तीन दिन चलने वाली RSS की विजयवाड़ा बैठक में बीजेपी की मांग पर फैसला लिए जाने की उम्मीद है. इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद होते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि 300 के करीब देशभर के प्रचारक इस बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं.

जुलाई में होने वाली यह बैठक इसलिए भी खास होती है क्योंकि इसमें संघ के अलग-अलग संगठन की जिम्मेदारियां निभाने वाले प्रचारकों के कार्यक्षेत्र में भी संघ की ओर से बदलाव किया जाता है.

पहले भी यही परंपरा रही है कि पार्टी से मांग होने पर किन प्रचारकों को पार्टी में भेजा जाए इसका फैसला इसी बैठक में लिया जाता रहा है. इस दौरान अमूमन उन्ही प्रचारकों का नाम आगे बढ़ाया जाता है, जिन्होंने संघ की ईकाईयों में काम करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया होता है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर साल तीन प्रमुख बैठकें करता है. मार्च में संघ की एक जनरल मीटिंग होती है. इसका औपचारिक नाम अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा होता है. इस दौरान संघ का फोकस नीतिगत फैसलों पर रहता है. लेकिन इसके अलावा भी वह अगर संगठन में कुछ बदलाव करना चाहता है तो कर सकता है. इसके बाद जुलाई की बैठक के दौरान संघ केवल अपनी नहीं बल्कि खुद से संबद्ध 35 संगठनों के प्रचारकों को भी बैठक में शामिल करता है.

इस दौरान सभी के काम के बारे में बातचीत होती है और इस दौरान अगर कोई बड़ा बदलाव अपेक्षित न हो तो नहीं किया जाता है. इसके अलावा एक मीटिंग दीपावली के आसपास होती है.

हालांकि फिलहाल होने वाली मीटिंग में नई जिम्मेदारियों को लेकर काफी चर्चा है. संघ की मार्च वाली मीटिंग में हर पदानुक्रम में सारे लोगों को मिलाकर प्रतिभागियों की संख्या कई बार 1500 तक पहुंच जाती है लेकिन जुलाई की बैठक में मात्र 300 लोग होते हैं. ये सभी प्रचारक होते हैं. इसके बाद दीपावली के समय संघ की तीसरी बैठक होती है. यह पूरी तरह से संघ के अंदर की गतिविधियों को लेकर होती है. इसमें संगठन से जुड़ी जिम्मेदारियों को संभालने वाले पदाधिकारी शामिल होते हैं.