बेंगलुरू: कर्नाटक के सियासी नाटक के बीच विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों के संबंध में गवर्नर को चिट्ठी लिखकर कहा कि कोई भी बागी विधायक मुझसे नहीं मिला. बागी 13 विधायकों में से 8 के इस्‍तीफे कानून के मुताबिक नहीं हैं. मैंने विधायकों को मिलने का वक्‍त दिया है. रमेश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि गवर्नर ने एक अन्‍य पत्र में मुझे सूचित किया कि निर्दलीय नागेश ने मंत्री पद छोड़ दिया. मंत्री के मुद्दे पर मैं कुछ नहीं कर सकता. पता नहीं क्‍यों गवर्नर ने इस बारे में मुझे लिखा? ये तो निर्दलीय पर निर्भर करता है कि सदन में वह किसना समर्थन करते हैं. कांग्रेस ने कहा कि शंकर ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया है. यदि यह नियमों के मुताबिक है तो कोई मुद्दा ही नहीं है.

उन्‍होंने कहा कि इस मुद्दे पर जांच की कोई जरूरत नहीं है. मेरे पास सभी दस्‍तावेज हैं. विधायकों ने विधिसम्‍मत ढंग से इस्‍तीफे नहीं दिए हैं. उनमें से आठ के नियमों के अनुरूप नहीं हैं. मैंने बाकी 5 को मिलने का वक्‍त दिया है. 12-15 जुलाई के बीच इन विधायकों को मिलने का वक्‍त दिया है.

उधर कर्नाटक में सत्‍तारूढ़ जेडीएस-कांग्रेस के कई विधायकों के इस्‍तीफों के बाद सियासी भंवर में फंसी सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस ने कोशिशें तेज कर दी हैं. सूत्रों के मुताबिक मसले को सुलझाने के लिए सोनिया गांधी के कहने पर कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद बेंगलुरू रवाना हो गए हैं. इससे पहले कर्नाटक कांग्रेस ने विधानसभा स्‍पीकर को आवेदन देकर उन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था जिन्‍होंने पार्टी के आदेशों का उल्‍लंघन किया है.

इससे पहले कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री रोशन बेग ने मंगलवार को विधानसभा से इस्‍तीफा दे दिया. उन्‍होंने स्‍पीकर को अपना इस्‍तीफा सौंपा. उधर मंगलवार सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक में रोशन बेग समेत 12 विधायक नहीं पहुंचे. कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के नेतृत्‍व में इस बैठक का आयोजन हुआ.

विधायक तुकाराम, एमटीबी नागराज और डॉ सुधाकर ने खराब स्‍वास्‍थ्‍य का हवाला देते हुए मीटिंग में हिस्‍सा नहीं लिया. पार्टी ने इससे पहले सोमवार को सभी विधायकों से इस बैठक में शामिल होने को कहा था. इसके साथ ही पार्टी ने संकेत दिया था कि यदि बागी विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इधर कर्नाटक की सियासत में जारी उठापटक का मसला मंगलवार को लोकसभा में भी उठा. लोकसभा में अधीर रंजन ने कहा कि ये शिकार की पॉलिटिक्स बंद होनी चाहिए. लोकसभा में अधीर रंजन ने कहा कि ये शिकार की पॉलिटिक्स बंद होनी चाहिए. लोकतंत्र को बचा कर रखिए. ये लोग कह रहे हैं कि कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश की बारी है. विधायकों को जबरन यहां से वहां लाया जा रहा है. इस पर राजनाथ सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि आप लोग अपने घर को संभाल नहीं पा रहे हैं और हम पर आरोप लगा रहे हैं. ऐसा कर सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं.

कर्नाटक में सत्‍तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में 13 विधायकों के इस्‍तीफे और दो निर्दलीयों के समर्थन वापस लेने से उपजे सियासी संकट के बीच विधानसभा स्‍पीकर ने मंगलवार को कहा कि बागी विधायकों ने सही तरीके से इस्‍तीफे नहीं सौंपे. इस पर फैसला लेने का कोई तय वक्‍त नहीं है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्‍पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि यह एक प्रक्रियागत मसला है. इस संबंध में कुछ निश्चित नियम हैं, उसी के आधार पर हमको निर्णय लेना होगा. स्‍पीकर के ऑफिस को उसी के साथ जिम्‍मेदारी के साथ नियमों का अनुपालन करना होगा. इस संबंध में कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है. इन नियमों में एक उपबंध कहता है कि यदि स्‍पीकर आश्‍वस्‍त होता है कि ये इस्‍तीफे बिना किसी दबाव के स्‍वैच्छिक आधार पर दिए गए हैं और उनको स्‍वीकार किया जा सकता है, ऐसा नहीं होने पर मुझे नहीं पता कि क्‍या करना होगा?…उस स्थिति में मेरी ज्‍यादा जानकारी नहीं है.