लखनऊः कांग्रेस इस समय काफी बड़े संकट का सामना कर रही है। राहुल गांधी जहां इस्तीफा देकर कांग्रेस को नेतृत्वहीन कर दिए हैं और कांग्रेस पार्टी नये अध्यक्ष की तलाश कर रही है। वहीं, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी काफी संजीदा और सक्रिय होती जा रही हैं। छोटे से छोटे मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और भाजपा नेताओं को घेरने की कोशिश कर रही हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव में मिली हार का कारण खोज करके कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने की कवायद में भी जुटी हुई हैं।

आगरा में एक टोल कर्मचारी की कथित भाजपा सांसद के सुरक्षागार्ड द्वारा पिटाई करने का मुद्दा उठाया है, जिसमें भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया के सुरक्षा गार्ड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस घटना से आहत प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'चुनाव जीतकर भाजपा के नेताओं को जनता की सेवा करनी थी, लेकिन वो कर्मचारियों की पिटाई कर रहे हैं। कोई सत्ता की हनक में बल्ले से पीटता है, तो कोई टोल शुल्क मांगने पर फायरिंग कर लाठी डंडे चला रहा है।'

आगरा स्थित एक टोल बूथ की सीसीटीवी फुटेज शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया के सुरक्षा गार्ड को एक टोल कर्मी की पिटाई करते और हवा में फायरिंग करते देखा गया। टोल प्लाजा कर्मी ने सांसद के काफिले में शामिल सभी वाहनों के लिए टोल शुल्क मांगने पर उसकी पिटाई करने की बात सामने आ रही है। इसके बाद में पीड़ित ने एतमादपुर पुलिस थाने में सांसद और उनके गार्ड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

कांग्रेस महासचिव की उत्तर प्रदेश में सक्रियता लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ज्यादा बढ़ी है। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई, जिसमें कांग्रेस अपने किले को भी बचा पाने में नाकामयाब रही। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए। उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी ने पचाल हजार से अधिक वोटों से पराजित कर दिया। कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत हासिल हुई।

केवल रायबरेली सीट से यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं। चुनाव नतीजों के बाद से कांग्रेस आलाकमान पर दबाव काफी बढ़ गया। कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया है। नये अध्यक्ष की तलाश अभी जारी है।

प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने का जिम्मा मिला है। इसलिए प्रियंका गांधी किसी की परवाह किए बिना लगातार योगी सरकार और भाजपा नेताओं को निशाने पर ले रही हैं। कांग्रेस की घटली लोकप्रियता के बीच प्रियंका गांधी का इस तरह से सक्रिय रहना राजनीतिक पंडितों विश्लेषण करने के लिए मजबूर कर रहा है।