नई दिल्ली: कर्नाटक में 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट और गहराता जा रहा है. 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस ने बड़ा सियासी दांव चला है. गठबंधन सरकार में कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. इसके कुछ देर बाद जेडीएस के मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया. अब नए सिरे से कैबिनेट का गठन होगा.

कर्नाटक में विधायकों के लगातार इस्तीफों से बीजेपी में सरकार बनाने की उम्मीदें परवान पर हैं. सोमवार को एकमात्र निर्दलीय विधायक नागेश ने अपना मंत्रीपद छोड़ दिया है, उन्होंने अपना इस्तीफा भी राज्यपाल को भेज दिया है. ऐसे में सरकार अल्पमत में आ गई है. निर्दलीय विधायक ने बीजेपी को सपोर्ट करने की बात कही है.

कर्नाटक के राजनीतिक संकट पर कांग्रेस और जेडीएस का कहना है कि बीजेपी अपनी कुटिल चाल के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। सिद्धारमैया का कहना है कि सरकार की पर किसी तरह की संकट नहीं है। गठबंधन की सरकार पूरे पांच साल तक बिना किसी बाधा के चलती रहेगी। लेकिन बीजेपी का कहना है कि सिद्धारमैया अपनी सरकार के लिए खुद ब खुद संकट बने हुए हैं। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस की तरफ से बीजेपी पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।

कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच सीएम एच डी कुमारस्वामी का कहना है कि सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। उनकी सरकार पर किसी तरह का खतरा नहीं है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी सरकार बिना किसी अड़चन के कार्यकाल पूरा करेगी।