लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि ‘‘मोदी सरकार’’ के ‘‘दूसरे कार्यकाल’’ में वित्त मन्त्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किये गये ‘‘बजट’’ ने ढेर सारी उम्मीदे लिये बैठे देश के आम आदमी, गरीब, नौजवान, किसान और मजदूर को पूरी तरह निराश किया है ।

श्री तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जिस FDI नीति का विरोध भारतीय जनतापार्टी ने किया था , आज वित्त मन्त्री निर्मला सीतारमण ने शत प्रतिशत FDI के लिये दरवाजे खोल दिये हैं, जो ‘‘विदेशी पूँजी निवेश ’’ पर आधारित है -जबकि पिछले 5 साल पूरी दुनिया घूमने के बावजूद भी प्रधानमंत्री ‘‘विदेशी पूँजी निवेश ’’ नहीं करा पाये । अतः विदेशी पूँजी निवेश अपेक्षानुसार न मिला तो बजट के सारे सपने बिखर जायेंगे । यह एक जोखिम भरी नींव है जिस पर बजट की पूरी इमारत खड़ी है ।

श्री तिवारी ने कहा है कि सबसे बड़ी समस्या खपत, बढ़त और बचत – तीनों मोर्चो पर बजट में कुछ भी नहीं है, आम आदमी की खरीद शक्ति बढ़ाने की कोई भी झलक बजट में नहीं दिखाई देती है । बेरोजगार नौजवानों के रोजगार के लिये कोई कार्य योजना बजट में नहीं है । पिछले 45 सालों में सर्वाधिक बेरोजगारी से जूझ रहे भारत को इससे मुक्ति दिलाने के लिये कोई निदान दूर दराज तक बजट में दिखाई नहीं पड़ता है । बढ़ती हुई महंगाई को रोकने के लिये कोई प्रयास नहीं किया गया है ।

श्री तिवारी ने कहा है कि कुल मिलाकर आम आदमी, किसान, बेरोजगार नौजवान, गरीब तपके के लोगों, छोटे व्यापारियों के लिये यह बजट पूरी तरह छलावा है, और वहीं दूसरी तरफ अमीरों की ‘‘तिजोरी’’ के लिये यह ‘‘समर्पित बजट’’ है ।

ये बजट ‘‘मुद्रा स्फीति’’ को बढ़ायेगा, जिन मुद््दों पर मोदी जी ने चुनाव लड़ा था उन मुद्दों पर सकारात्मक प्रयास पूरी तरह नदारत है । एक बार फिर आम आदमी, गरीब तपके के लोग, किसान, छोटे व्यापारी, बेरोजगार नौजवान ठगे गये हैं ।

पेट्रोल एवं डीजल पर एक रुपये ‘‘एक्साईज ड्यूटी ’ बढ़ाना मध्यम वर्ग, वेतन भोगी और किसान की परेशानी को जहांॅ बढ़ायेगा, वहीं यह देश की प्रगति के लिये बाधक है ।

कुल मिलाकर एक ओर जहाँ ये बजट बड़ी तिजोरी वालों के चेहरे पर मुस्कुराहट लायेगा, वहीं आम आदमी, किसान, बेरोजगार नौजवान, छोटे व्यापारियों के चेहरे पर मायूसी, हताशा और निराशा लाने के सिवाय कुछ नहीं है ।