नई दिल्‍ली: राहुल गांधी ने बुधवार को जोर देकर कहा कि वह अब पार्टी अध्‍यक्ष नहीं हैं और कांग्रेस को जल्‍द से जल्‍द नया अध्‍यक्ष खोजना चाहिए. राहुल गांधी ने संसद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ''पार्टी को अविलंब नया अध्‍यक्ष चुनना चाहिए. मैं इस प्रकिया में कहीं शामिल नहीं हूं. मैं पहले ही अपना इस्‍तीफा दे चुका हूं और अब पार्टी अध्‍यक्ष नहीं हूं. कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्‍ल्‍यूसी) को जल्‍द से जल्‍द इस मसले पर मीटिंग करनी चाहिए और फैसला करना चाहिए.''

उल्‍लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्‍त के बाद 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए पार्टी अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा दे दिया था. हालांकि सीडब्‍ल्‍यूसी ने उनका इस्‍तीफा सर्वसम्‍मति से खारिज कर दिया था. उसके बाद पार्टी के कई वरिष्‍ठ नेताओं ने राहुल गांधी से पद पर बने रहने का आग्रह करते हुए उनको मनाने की कोशिश भी की. लेकिन राहुल के ताजा बयान के बाद ऐसा लगता है कि उन्‍होंने पार्टी अध्‍यक्ष छोड़ने का मन बना लिया है.

हालांकि इससे पहले मंगलवार को राहुल गांधी के समर्थकों ने पार्टी हेडक्‍वार्टर के बाहर धरना देकर उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल भी धरने में शामिल हुए. धरने में भाग लेने के बाद गहलोत ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावना राहुल गांधी के साथ है, इसलिए सब लोग यहां आए हैं. हम सब उम्मीद करते हैं राहुल गांधी अपना फैसला बदलेंगे. राहुल गांधी एक मात्र कांग्रेस का चेहरा हैं जो भाजपा से लड़ सकते हैं. लोकसभा चुनाव में राहुल ने जनता की लड़ाई लड़ी. कांग्रेस की पॉलिसी, प्रोग्राम और विचारधारा जनता के हित में है.