सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, शिवसेना ने भी संसद में उठाये सवाल

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईवीएम को लेकर उठने वाले सवालों को खारिज कर देने के बावजूद आज राज्यसभा में सरकार के ही सहयोगी दल शिव सेना के सांसद संजय राउत ने ईवीएम के जिन्न को बोतल से बाहर निकाल दिया. संजय राउत ने ईवीएम को हैक करने पर तो कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने सरकार से पूछा कि बार-बार ईवीएम की खराबी और जो वोट डाले गये और जो वोट गिने गए उनके बीच आखिर अंतर क्यों आ रहा है? चुनाव आयोग इस पर सफाई क्यों नहीं देता?

संजय राउत के इस सवाल पर सूचना तकनीकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी, और यह कहकर मामले को टालने की कोशिश की कि इस पर सदन में बहस हो चुकी है और वे उत्तर दे चुके है.

लेकिन विपक्ष खामोश नहीं था, कांग्रेस के भुवनेश कलिता ने इसी सवाल को आगे बढ़ाते हुए कुछ उदाहरण पेश किये कि मतदान के समय किस तरह बड़े पैमाने पर ईवीएम की गड़बड़ी की खबरें आईं लेकिन चुनाव आयोग कोई ठोस उत्तर नहीं दे सका. इससे आगे कलिता सरकार से कोई सवाल खड़ा करते उपसभापति हरिवंश ने भुवनेश कलिता के सवाल को पूरा नहीं होने दिया. इसी बीच समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव खड़े हुए और जैसे ही उन्होंने ईवीएम को लेकर सवाल उठाया उपसभापति हरिवंश ने शून्यकाल समाप्त करने की घोषणा कर दी. नतीजा रामगोपाल अपनी बात ही नहीं कह सके.

ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर मामला यही समाप्त नहीं हुआ. तमिल अभिनेता मंसूर अली खान ने आज सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर दावा किया कि वे यह साबित कर सकते है कि ईवीएम के साथ छेड़खानी की जा सकती है. देश की सबसे बड़ी अदालत से मंसूर अली खान ने गुहार की कि उनको चुनाव आयोग के सामने यह साबित करने का अवसर दिया जाए.

मंसूर अली खान का दावा है कि विशेषज्ञों की मदद से वे चुनाव आयोग के सामने ईवीएम को हैक करने की बात साबित कर सकते है.

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, सपा, बसपा सहित तमाम राजनीतिक दल ईवीएम को लेकर उत्तेजित है क्योंकि उनका मानना है कि हाल में हुए लोकसभा के चुनाव में ईवीएम का दुरुपयोग किया गया है जिसके कारण यह नतीजे सामने आए है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो अपने संसदीय क्षेत्र में इन नतीजों को ईवीएम में की गयी हेराफेरी के नतीजे तक बता दिया था. जिसके बाद से समूची कांग्रेस ईवीएम को लेकर सवाल खड़े कर रही है. माना जा रहा है कि यदि सर्वोच्च न्यायालय मंसूर अली खान की याचिका को स्वीकार करती है तो यह मामला ओर तूल पकड़ेगा.