गणित का इस्तेमाल दुनिया भर में होता है। दुनिया में हर व्यक्ति की रोजाना जिंदगी से गणित करीब से जुड़ा हुआ है। प्रत्येक गणितीय सूत्र और समीकरण का एक कारण होता है, साथ ही हमारे रोजाना जीवन में हम उनका उपयोग करते हैं। यही गणितीय सूत्र और समीकरण हमारी जिंदगी को सुव्यवस्था और दिशा प्रदान करते हैं। दिव्या गोकुलनाथ, डायरेक्टर और टीचर, बायजूज – द लर्निंग एॅप, के अनुसार, गणित एक अत्यंत तार्किक और उद्देश्यों पर चलने वाला विषय है। ज्यादातर गणितीय संकल्पाएं हमारी रोजाना जिंदगी से जुडी हुई है। सब्जी या दूसरा कोई भी सामान खरीदते हुए पैसे गिनने से लेकर, यात्रा के दौरान दूरी नापना या हफ्ते के घरेलु जरुरत के सामान की सूचि बनाने तक हर निर्णय में गणित हमारे साथ होता है। दिलचस्प बात है कि पशु भी उनके जीवन में गणित का इस्तेमाल करते हैं। मधुमक्खियों, मकड़ियों के षट्कोणीय छत्तें और जालें, ज्यामितीय श्रेणी में बढ़ते हुए शंखों के आकार यह उदाहरण गणित और वास्तविक पशु जीवन के मिलाप को साबित करते हैं। यह देखते हुए दुःख होता है कि, आज भी कई छात्र विषय के प्रति चाह से भी ज्यादा परीक्षा के डर की वजह से गणित सीख रहे हैं। अगर गणित के पाठ्यक्रम में गतिविधियां और खेलों को शामिल करे तो गणित की जटिल गुत्थिओं को छात्र बड़ी आसानी से सुलझा सकते हैं और गणित सीखना उनके लिए एक सुखद अनुभव बन सकता है। ज्यादातर मनुष्य दृश्य से सीखते हैं, इसीलिए अगर गणितीय सिद्धांतों को विजुअल रिप्रेजेंटेशन के साथ समझाया जाए तो वह यकीनन लाभदायक हो सकता है। टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल से शिक्षा को सरल, मजेदार, प्रासंगिक, संवादात्मक और व्यक्तिगत बनाया जा सकता है। टेक्नॉलॉजी के जरिए शिक्षकों, वीडिओज और इंटरैक्टिव्स को एकसाथ लाकर छात्रों को व्यक्तिगत शिक्षा प्रदान की जा सकती है। बड़े डेटा एनालिटिक्स सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर बच्चा अपनी गति और शैली से सीखे। अभिनव सोच और आधुनिकतम टेक्नॉलॉजी से बनाए गए शिक्षा कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि, बच्चों को गणित न केवल समझे बल्कि वह उसे जीवन भर याद रखे। तो, क्या गणित को अधिक मजेदार और वास्तविक बनाया जा सकता है? गणित आप जितना सोचते हैं उससे कई ज्यादा वास्तविक होता है। गणित को हमेशा रोजाना जिंदगी के उदाहरणों के जरिए सीखें। गणित को हमारे रोजाना मजेदार अनुभवों के साथ जोड़ें। उदाहरण के तौर पर, किराना सामान की खरीदारी के लिए गुणन से लेकर अनुमान और प्रतिशत तक कई प्रकार का गणितीय ज्ञान आवश्यक होता है। हर बार जब आप किसी वस्तु की कीमत गिनते हैं, या वस्तु का वजन करते हैं या छूट के प्रतिशत का अनुमान लगाते हैं और अंतिम कीमत गिनते हैं तो आप अपनी खरीदारी में गणित का इस्तेमाल करते हैं।गणित आपकी यात्रा को ज्यादा रोमांचक बनाता है। गाड़ी में ईंधन कितना आवश्यक होगा, कितनी दूरी तय करनी है, टोल के लिए कितना खर्च होने वाला है यह सब कुछ आप गणितीय अनुप्रयोगों की मदद से ही जान सकते हैं। जब गूगल मैप्स और जीपीएस नहीं थे तब यात्री कागज पर नक्शों, एटलस और सड़क पर बने संकेतों के मदद से ही अपने स्थान पर पहुँचते थे, इन सभी में मूल गणितीय सिद्धांतों का ही उपयोग किया जाता है।गणित की सीख पर लगे हर ताले की चाबी है विज्युअलाइजिंग। जटिल गणितीय सिद्धांतों को जब आप एक दृश्य रूप में देखते हैं और उनकी कल्पना करते हैं तब आप उन्हें आसानी से समझ सकते हैं। एक गोल पिज्जा या केक हो सकता है, उसे जब आप टुकड़ों में काटते हैं तब आप फ्रैक्शन्स सीखते हैं। जब कोई छात्र गणित इस तरह से सीखता है तब वह गणित की संकल्पनाएं ष्क्याष् हैं यह सीखने के साथ-साथ वह ष्क्योंष् और ष्कैसेष् हैं यह भी समझने में मदद मिलती है। संक्षेप में कहा जाए तो गणित आपके व्यक्तित्व में रचनात्मकता, समीक्षात्मक सोच, तर्क और समस्याओं को सुलझाने की क्षमताओं जैसे गुणों को बढ़ावा देता है। गणित केवल एक विषय नहीं है, यह सोचने का एक तरीका हैष् गणित आपको समस्याओं को सुलझाने के लिए तार्किक दृष्टिकोण प्रदान करता है, यह जीवन की एक प्रमुख कुशलता है। इसलिए, छात्रों को गणित को केवल के विषय के रूप में नहीं, बल्कि, जीवन कौशल के रूप में देखना और सीखना चाहिए जो उन्हें भविष्य में निर्णय प्रक्रिया में लाभकारी सिद्ध हो सकता है।