नई दिल्ली: एशिया के सबसे धनी शख्स मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी इस समय बेहाल हैं। हालात यह हैं कि अनिल अंबानी अब अरबपति की सूची से बाहर हो गए हैं। साल 2008 की बात है, अमीरों की संपत्ति आंकने वाली मैगजीन फोर्ब्स ने अनिल अंबानी को दुनिया का 6ठा सबसे अमीर शख्‍स बताया था। इसके 11 साल बाद 59 साल के अनिल अंबानी अपनी छवि बचाने के लिए संघर्ष करते दिख रहे हैं।

रिलायंस कैपिटल ने रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (आरएनएएम) में अपनी 10.75 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,450 करोड़ रुपये में बेची है। रिलायंस कैपिटल ने सोमवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने बयान में कहा कि उसने यह बिक्री लगातार दो पेशकश के जरिए पूरी की जो कुल मिला कर 1450 करोड़ रुपये की रही।

इससे प्रवर्तकों की हिस्सेदारी कम करते हुए आरएनएएम ने अब 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के सेबी के नियम को पूर कर लिया है। आरएनएएम में कंपनी की पूरी हिस्सेदारी बेचने से 6,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसमें बाजार में शेयर बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) और जापान की निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ शेयर बिक्री के लिए घोषित करार के तहत की जाने वाली शेयर बिक्री से प्राप्ति राशि शामिल होगी।

इस राशि का उपयोग रिलांयस कैपिटल के कर्ज को कम करने में किया जाएगा। रिलायंस कैपिटल को उम्मीद है कि ऐसे विभिन्न उपायों से वह चालू वित्त वर्ष में अपने कर्ज में करीब 12,000 करोड़ रुपये यानी 70 प्रतिशत की कम कर सकेगी।

कर्ज में डूबे अनिल अंबानी के पूरे कारोबार साम्राज्य की बात करें तो अभी 523 मिलियन डॉलर यानी करीब 3,651 करोड़ रुपये की संपत्ति रह गई है। हालांकि अंबानी की इस संपत्ति में गिरवी वाले शेयर की कीमतें भी शामिल हैं। अगर इनके इतर आकलन करें तो अनिल अंबानी की संपत्ति 765 करोड़ रुपये (109 मिलियन डॉलर) से भी कम है।

बता दें कि करीब 4 महीने पहले 'द रिलायंस ग्रुप' की कीमत 8,000 करोड़ रुपये आंकी गई थी। रिलायंस ग्रुप पर 1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। मार्च 2018 के आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस ग्रुप के रिलायंस कैपिटल पर 46,400 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसी तरह आरकॉम 47 हजार 234 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी है।

जबकि रिलायंस होम फाइनेंस और इंफ्रा के कुल कर्ज 36 हजार करोड़ रुपये हैं। वहीं रिलायंस पावर पर 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। बता दें कि हाल ही में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने बताया कि उनके समूह ने पिछले 14 महीने में संपत्तियां बेचकर 35,400 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है। पिछले 2 साल में रिलायंस ग्रुप की जिन दो बड़ी संपत्तियों की बिक्री सफल रही, उनमें रिलायंस पावर का डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस और ग्रुप का म्यूचुअल फंड कारोबार शामिल है।