मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस (चमकी बुखार) का कहर जारी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मुजफ्फरपुर में अबतक 90 बच्चों की मौत हो चुकी है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और उनके सहयोगी अश्विनी चौबे मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल पहुंचे। डॉ हर्षवर्धन की मौजूदगी में एक बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मां के मुताबिक बच्ची की मौत चमकी बुखार के कारण हुई है। वह 5 साल की थी।

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर जारी है। दो दिन के अंदर 10 बच्चों की मौत हो गई है। इसमें सबसे डरावनी बात यह सामने आ रही है कि इसका असर अब आसपास के जिलों में भी देखा जा रहा है। सीतामढ़ी, बेगूसराय और मोतिहारी में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। इस बुखार का ज्यादातर शिकार एक से पंद्रह साल तक के बच्चे हो रहे हैं। जिसमें ज्यादातर मौतें एक से सात साल तक के बच्चों की हुई हैं। इस बीमारी में तेज बुखार आ रहा है, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर में ऐंठन हो रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन मौतों पर गहरा शोक जताया है और चार-चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह आपदा की इस घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ हैं। इसके साथ, उन्होंने पूरे बिहार में भीषण गर्मी एवं लू के मद्देनज़र जरूरी कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इससे प्रभावित लोगों के लिए शीघ्र हर संभव चिकित्सीय सहायता की व्यवस्था करने को कहा है और जल्द उनके स्वस्थ होने की कामना की है।

राज्य से लेकर केंद्र तक की सरकारें हर संभव मदद की कोशिश में लगी हैं, लेकिन आलम यह है कि अस्पतालों में बदइंतजामी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। राज्य के स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय अस्पतालों का दौरा करके देख चुके हैं। उनका कहना है कि अस्पतालों में किसी प्रकार की बदइंतजामी नहीं मिली है। अगर कहीं पर मिलती है, तो उस सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन पांडेय जी को अस्पतालों से बदइंतजामी की जो तस्वीरें सामने आई थीं, वो नहीं दिखाई दीं।