नई दिल्ली: 26 फरवरी को बालाकोट में भारतीय वायु सेना के एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस को भारतीय विमानों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था जिसकी सीमा अब बढ़ा कर 28 जून तक कर दी गई है.

बीते दिनों पीएम मोदी के एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान से उसके विमान क्षेत्र में इज़ाज़त मांगी थी लेकिन बाद में यह तय किया गया कि पीएम का विमान पाकिस्तान के विमान क्षेत्र से ना गुजर कर ओमान के क्षेत्र से गुजरेगा.

भारतीय वायु सेना ने 31 मई को ये एलान किया था कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारतीय विमान क्षेत्र में जो पाबंदियां लगाई गईं थी उसे हटा लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच एयरस्पेस खोलने को लेकर कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है.

ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि हाल के दिनों में भारत से बातचीत की कोशिशों में लगे पाकिस्तान 28 जून को इस पर कोई फैसला ले सकता है.

इसके पहले भारत और पाकिस्तान के बीच एयरस्पेस प्रतिबन्ध 1971 की लड़ाई में हुआ था. कारगिल के दौरान भी सिविलियन फ्लाइट्स को लेकर कोई मनाही नहीं थी.

एयरस्पेस बंद होने के कारण दोनों देशों को नुकसान हो रहा है. भारतीय विमानों को ज्यादा फ्यूल खर्च करना पड़ रहा है.

जब किसी देश का विमान किसी दूसरे देश के विमान क्षेत्र से गुजरता है तो उस देश को राजस्व का कुछ हिस्सा मिलता है, इस कारण पाकिस्तान को भी नुकसान हो रहा है.