मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में संस्कृति आयुर्वेदिक कॉलेज एवं हॉस्पिटल द्वारा आज योग पखवाड़ा का शुभारम्भ संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में विधिवत तरीके से हुआ। इस उद्घाटन कार्यक्रम की सम्पूर्ण रूप रेखा एवं पुरे पखवाड़े में प्रतिदिन होने वाले कार्यक्रमों की रूप रेखा तैयार कर ली है जिससे कि २१ जून को होने वाले अन्तर राष्ट्रीय योग दिवस को पूर्ण सफलता के साथ भव्य तरीके से मनाया जा सके। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण कर विधिवत तरीके से किया गया।

कुलाधिपति श्री सचिन गुप्ता ने अपने सन्देश में कहा कि योग विद्या भारत के द्वारा पूरे विश्व को दिया गया बहुत बड़ा वरदान है। उन्होंने इस अवसर पर अधिष्ठाताओं, संयुक्त कुलसचिव, विभागाध्यक्षों, प्राध्यापकों, एवं छात्रों से अपील की वे प्रति दिन कम से कम १५ से ३० मिनट तक योगाभ्यास करें एवं अपने परिवारजनों, मित्रों एवं इष्टजनों को भी योगाभ्यास करने के लिए प्रेरित करें। प्रतिदिन योगाभ्यास करने से शरीर स्वस्थ और मन निर्मल रहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग शिक्षा को नई शिक्षा नीति में पूर्णतया समाहित कर स्कूलों, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में पूरी तन्मयता के साथ अध्यापन एवं अभ्यास करना चाहिए।

उप कुलाधिपति श्री राजेश गुप्ता ने अपने सन्देश में कहा कि योगाभ्यास का जीवन शैली में समावेश करने से इंसान स्वस्थ रहता है। योगाभ्यास से शरीर का वजन, रक्त चाप एवं शुगर लेवल सब नियंत्रण में रहता है जो कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक है। नियमित योगाभ्यास इंसान को दीर्घायु बनता है।

इस अवसर पर उद्घाटन उद्बोधन देते हुए कुलपति डॉ. राणा सिंह ने कहा कि योग शरीर और आत्मा को एकीकृत करता है। उन्होंने सभागार में मौजूद सभी सदस्यों को योग की महत्ता को समझाया और कहा कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा सभी प्रकार के योगासन के बारे में कॉमन योग प्रोटोकॉल आयुष मंत्रालय की वेबसाइट पर लगा दिया गया है और उन्हें योग प्रशिक्षकों द्वारा बृहत् ट्रेनिंग भी प्रदान की जायेगी ताकि वे योगाभ्यास को प्रतिदिन अपने दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बना सकें।

इस शुभ अवसर पर संस्कृति आयुर्वेदिक कॉलेज एवं हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ. सुनील वर्मा ने अपने सन्देश में कहा कि आयुष मंत्रालय ने कॉमन योग प्रोटोकॉल को फेसबुक पर भी वीडियो समेत विस्तृत रूप से ट्रेनिंग के रूप में अपलोड कर दिया है ताकि सभी वर्गों के सदस्य उन्हें स्वतः देख कर एवं सीख कर अपने जीवन शैली में समाहित कर सकते हैं।
उद्घाटन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी सदस्यो को विभिन्न कॉमन योग प्रोटोकॉल के बारे में विस्तार से बताया गया।