श्रेणियाँ: देश

औरंगाबाद जिले में लू की चपेट में आने से 26 लोगों की मौत

नई दिल्ली: औरंगाबाद जिले में शनिवार को लू की चपेट में आने से एक-एक कर 26 लोगों की मौत हो गई। शाम होने के साथ ही जब आंकड़ा बढ़ने लगा तो प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। सिविल सर्जन डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने भी 26 लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने हीट स्ट्रोक से लोगों की मौत होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। मृतक के परिजनों ने बताया कि पीड़ितों को तेज बुखार आया जिसके बाद उन्हें अस्पताल में लाया गया जहां इनकी मौत हो गई। डीडीसी घनश्याम मीणा ने बताया कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती की गई है। हीट स्ट्रोक से पीडि़त कई लोगों का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।

डॉक्टरों का मानना था कि तापमान में वृद्धि होने की वजह से ये मौतें हुई हैं। ज्यादातर लोग बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचे थे और उन्हें बचाना नामुमकीन था। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी नब्ज नहीं चल रही थी और पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। सदर अस्पताल में शनिवार को ज्यादातर ऐसे लोगों की जान गई जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा थी। औरंगाबाद में शनिवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा।

हीट स्ट्रोक की चपेट में आने से एक-एक कर लोगों की मौत होते गयी। साथ ही परिजनों के चीत्कार से पूरा सदर अस्पताल दहल गया। चारों ओर कोहराम मचा हुआ था। स्थिति यह थी कि लोग मरीज को लेकर अस्पताल में आ रहे थे और कुछ ही देर के बाद उनकी मौत हो जा रही थी। डॉक्टर भी यह नजारा देख कर परेशान थे। इस घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी अस्पताल की ओर भागे चले आए।

सदर अस्पताल में शनिवार को डॉक्टरों की कमी और अनुपलब्धता से नाराज लोगों ने हंगामा किया। शाम में एक डॉक्टर अमित कुमार वर्मा ड्यूटी पर थे और अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही थी। एक-एक कर लोगों की मौत होने लगी जिसके बाद यहां परिजनों के रोने बिलखने की आवाजें आने लगी। डॉक्टर की कमी के कारण इलाज शुरू करने में भी देरी हो रही थी जिससे भड़के लोगों ने हंगामा किया। इसकी जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह सदर अस्पताल पहुंचे और 4-5 अन्य डॉक्टर भी यहां आ गए। हालांकि मौत का आंकड़ा बढ़ता रहा।

मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि जब बीमार लोगों को अस्पताल में लाया गया तो बेहतर तरीके से इनकी जांच नहीं की गई। इधर अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इलाज में किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। वहीं औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने निर्देश दिया तब सदर अस्पताल का आईसीयू खोला गया।

Share

हाल की खबर

बहराईच: मेले में लगा झूला अचानक टूटने से आधा दर्जन जख्मी

एक बालिका की हालत गंभीर, मेडिकल कालेज रेफरबाबा अहमद शाह की मजार पर गुरूवार से…

अप्रैल 26, 2024

जिला बार एसोसिएशन चुनाव: हिसाल बारी किदवई अध्यक्ष, अशोक वर्मा महामंत्री निर्वाचित

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव की मतगणना शांतिपूर्ण माहौल…

अप्रैल 25, 2024

UPSIFS ने किया IIIT लखनऊ के साथ आठवां MoU

लखनऊ ।उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फरेंसिक साइन्स लखनऊ ने आज संस्थान को और अधिक…

अप्रैल 25, 2024

सीएए : एक क़ानून धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक संविधान के ख़िलाफ़

(आलेख : शमसुल इस्लाम) भारत में राष्ट्रविरोधी, अमानवीय एवं धार्मिक रूप से कट्टर नागरिकता संशोधन…

अप्रैल 19, 2024

डाबर ग्लुकोज़ ने लॉन्च किया ‘एनर्जाइज़ इंडिया’ कैंपेन

लखनऊ।डाबर की ओर से इंस्टेन्ट एनर्जी ड्रिंक डाबर ग्लुकोज़ ने युवाओं में खेल प्रतिभा को…

अप्रैल 19, 2024

भाजपा को हराना राष्ट्र हित में जरूरी: आइपीएफ

आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र लखनऊ:…

अप्रैल 18, 2024