नई दिल्ली: आखिर ऐसा क्यों है कि पुलिस वालों को जहां कार्रवाई करनी चाहिए वहां वे चुप्पी साध लेते हैं। लेकिन अगर कोई अपना फर्ज निभा रहा हो तो उसके साथ बदसलूकी करते हैं। दरअसल यूपी के शामली में एक मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उस घटना को कवर करने के लिए एक पत्रकार अमित शर्मा मौके पर पहुंचे और उन्होंने विजुअल बनाना शुरू किया। लेकिन जीआरपी के सिपाहियों को ये सब रास नहीं आया।

जीआरपी के सिपाहियों ने पत्रकार अमित शर्मा को जमकर पीटा। पत्रकार की पिटाई और जीआरपी के सिपाहियों की गुंडागर्दी कैमरे में कैद है। आरोपी सिपाही जिस अंदाज में पत्रकार को पीट रहा है उससे लगता है कि पत्रकार ने किसी गंभीर जुर्म को अंजाम दिया हो। जीआरपी के सिपाहियों के लिए वो पत्रकार किसी आतंकी की तरह नजर आया। हालांकि इस प्रकरण के सुर्खियों में आने के बाद तत्काल प्रभाव से इंस्पेक्टर जीआरपी शामली राकेश कुमार व आरक्षी संजय पवार को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में जीआरपी के एसपी मुरादाबाद को तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।

पीड़ित पत्रकार का कहना है कि जीआरपी के सिपाही सादे ड्रेस में थे। उन्होंने उसके कैमरे को निशाना बनाया जिसकी वजह से वो गिर गया। जब वो उठा तो सिपाही ने उसको फिर धक्का दिया और गालियां दी। एक नहीं, दो नहीं न जानें कितने मुक्के उसे मारे गए शायद उसे भी याद नहीं। पीड़ित पत्रकार का कहना है कि उसे लॉक अप में न केवल बंद कर दिया गया बल्कि उसे नंगा कर दिया गया और उसके मुंह में पेशाब किया गया। वो पुलिस वालों से अपनी गलती पूछता रहा। लेकिन उससे सिर्फ यह कहा गया कि तुमने वीडियो बनाने की हिमाकत क्यों की । पीड़ित पत्रकार बार बार पूछता रहा कि आखिर उसके साथ इस तरह का सलूक क्यों किया जा रहा है। लेकिन अफसोस की बात ये है कि पुलिस वाले उसकी गलती न बता सके।