नई दिल्ली: अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले सपा सांसद आजम खान ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद हो सकता है। दरअसल आजम खान ने तंज कसते हुए कहा है कि ‘मदरसों में नाथूराम गोडसे और प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे स्वभाव के लोग नहीं पैदा होते हैं।’ आजम खान ने यह बयान केन्द्र सरकार के उस ऐलान के बाद दिया है, जिसमें सरकार ने मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था को भी लागू करने की बात कही है। बता दें कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है।

मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्वीट कर कहा कि “देशभर में मदरसा अध्यापकों को विभिन्न संस्थानों द्वारा मुख्यधारा के विषयों जैसे हिंदी, इंग्लिश, गणित, विज्ञान आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह कार्यक्रम अगले महीने से लॉन्च किया जाएगा।” टाइम्स नाउ ने न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से बताया है कि जब केन्द्र सरकार के इस ऐलान पर सपा नेता आजम खान से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने इस पर कहा कि “मदरसों में नाथूराम गोडसे और प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे स्वभाव के लोग पैदा नहीं होते हैं। पहले वो (सरकार) ऐलान करें कि जो लोग नाथूराम गोडसे के विचारों को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें लोकतंत्र के दुश्मन करार दिए जाएं, साथ ही जो आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हैं, उन्हें पुरस्कृत नहीं किया जाएगा।”

आजम खान ने कहा कि यदि सरकार हकीकत में मदरसों की मदद करना चाहती है तो सरकार को मदरसों में सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। आजम खान ने मांग की कि ज्यादा संख्या में मदरसे बनाए जाएं और मदरसों में फर्नीचर देने के साथ ही बच्चों को मिड डे मील की सुविधा भी दी जाए। हालांकि आजम खान ने मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था लागू करने का समर्थन भी किया। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यह भी ऐलान किया है कि सरकार अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को केन्द्रीय और राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग भी उपलब्ध कराएगी।