नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सियासी महाभारत थम नहीं रहा है. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के आगामी उपचुनावों में अकेले मैदान में उतरने के फैसले के एक दिन बाद ही राष्ट्रीय लोक दल ने भी बड़ा ऐलान कर दिया है. रालोद ने फैसला किया है कि सपा-बसपा की तरह ही वो भी उपचुनाव अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी. उल्लेखनीय है कि यूपी में कुल 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं.

हालांकि रालोद के यूपी अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा कि गठबंधन पर अभी विचार होगा. लेकिन आगामी चुनाव में सहयोगी पार्टियों की तरह ही उनके उम्मीदवार भी अपने बलबूते मैदान में कूदेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस पर अंतिम फैसला पार्टी के मुखिया अजीत सिंह और जयंत चौधरी लेंगे. अभी यह तय नहीं कि रालोद आगामी चुनाव में कुछ कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन चुनाव अकेले ही लड़ेगी.

असल में हाल ही में संपन्न हुये लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से भाजपा के नौ विधायकों और सपा, बसपा के एक-एक विधायक के सांसद बनने के बाद रिक्त हुयी 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव संभावित हैं. इससे पहले गठबंधन को लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिलने के लगभग दस दिन बाद मायावती ने दिल्ली में बयान जारी कर कहा कि अपने बलबूते उपचुनाव लड़ने की प्रमुख वजह राजनीतिक विवशता है.

हालांकि उन्होंने सपा के साथ गठबंधन पर ‘परमानेंट ब्रेक’ लगने की अटकलों को खारिज करते हुये कहा, ‘‘सपा के लोगों ने इस चुनाव में एक अच्छा मौका तो गंवा दिया लेकिन आगे इन्हें इसी हिसाब से बहुत अधिक तैयारी करने की जरूरत है. यदि मुझे लगेगा कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्यों को करने के साथ अपने लोगों को ‘मिशनरी’ बनाने में कामयाब हो जाते हैं, तो फिर हम लोग ज़रूर आगे भी मिलकर साथ चलेंगे. अर्थात अभी हमारा कोई ‘ब्रेकअप’ नहीं हुआ है.’’