नई दिल्ली: कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में मंगलवार शाम टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच खूब झड़पें हुईं। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में तनातनी के चलते राजधानी में ईश्वरचंद विद्यासागर कॉलेज में तोड़फोड़ और 19वीं सदी के समाज सुधारक विद्यासागर की प्रतिमा तक तोड़ दी गई। विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने का आरोप टीएमसी ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाया है। इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने कसम खाते हुए कहा, ‘जिस किसी ने भी विद्यासागर की मूर्ती तोड़ी और कॉलेज की संपत्ति को नुकसान पहुंचा उसे छोड़ा नहीं जाएगा।’
बनर्जी ने उत्तर कोलकाता स्थित विद्यासागर कॉलेज का दौरा करने के बाद यह भी कहा, ‘अमित शाह खुद को क्या समझते हैं? क्या वह सबसे ऊपर हैं? क्या वह भगवान हैं जो उनके खिलाफ कोई प्रदर्शन नहीं कर सकता?’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे इतने असभ्य हैं कि उन्होंने विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा तोड़ दी। वे सभी बाहरी लोग हैं। भाजपा मतदान वाले दिन के लिए उन्हें लाई है।’
उधर शाह के रोड शो में हिंसा का आरोप पर भाजपा ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगाया है। भाजपा प्रवक्ता तुहिन ए सिन्हा ने आरोप लगाया कि टीएमसी कैडर तालिबान की तरह व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा, ‘टीएमसी के कैडर हैं जो तालिबान की तरह व्यवहार करते हैं और लोकतंत्र के सिद्धांतों में विश्वास नहीं करते हैं।’ उधर अमित शाह ने एक टीवी चैनल से कहा कि रोड शो के दौरान टीएमसी के गुंडों ने उनपर हमला करने की कोशिश की। आरोप लगाया कि सीएम ममता ने हिंसा भड़काने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि झड़पें होने के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। शाह के मुताबिक, ‘पुलिस ने उन्हें बताया था कि रोडशो की इजाजत कॉलेज के पास समाप्त होती है और उन्हें स्वामी विवेकानंद के बिधान सारणी के पैतृक आवास पर ले जाया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि पुलिस नियोजित मार्ग से हट गई और उस रास्ते पर काफिले को ले जाया गया जहां ट्रैफिक जाम था। श्रद्धांजलि देने के लिए विवेकानंद के आवास पर नहीं जाने दिया गया।
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