नई दिल्ली: दिल्ली वेस्ट में तिलक नगर थाने के पुलिसकर्मी आजकल एफआईआर लिख-लिखकर परेशान हैं. इस इलाके के 88 लोगों की शिकायत है कि न तो उन्होंने कहीं ATM कार्ड इस्तेमाल किया और न ही किसी को भी OTP नंबर बताया लेकिन फिर भी उनके अकाउंट से पैसे निकाल लिए गए हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक इसी अपराध में पिछले 10 दिन के अन्दर एक ही थाने में करीब 88 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. पुलिस की साइबर सेल दिन-रात इस अपराधी या गैंग की तलाश कर रही है.

मामला कुछ ये है कि तिलक नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनका एटीएम कार्ड उनके पास था. कार्ड से कहीं कोई लेन-देन नहीं किया, कोई अनजानी कॉल नहीं आई और न किसी को ओटीपी बताया बावजूद इसके उनके अकाउंट से रुपये निकाल लिए गए. थाने में दर्ज रिकार्ड के अनुसार 88 लोगों के खाते से करीब 19 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं. और ठगी का पता तब चलता है जब बैंक से मैसेज आता है.

ये सभी घटनाएं अलग-अलग बैंक के एटीएम कार्ड धारकों के साथ हुई हैं. पुलिस भी हैरान है कि अपराधी एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम दिए जा रहा है. गौरतलब रहे कि दो दिन पहले इसी तरह की ठगी के मामले में मेरठ पुलिस ने दिल्ली में पटलू गैंग के होने का दावा किया था.

जानकारों के अनुसार 88 लोगों में आधा दर्जन से अधिक ऐसे लोग हैं, जिनके अकाउंट से 50 हजार की रकम निकाली गई जबकि तीन-चार लोग ऐसे हैं, जिनके अकाउंट से 75-75 हजार रुपये निकाल लिए गए. कुछ ऐसे भी पीड़ित हैं जिनकी रकम 50 हजार से 75 हजार के बीच निकली है। सबसे ज्यादा तादाद उन बैंक अकाउंट होल्डरों की है, जिनके 15 से 50 हजार के बीच निकाले गए हैं.

88 अलग-अलग लोगों के साथ हुई इस ठगी में एक चीज एक जैसी है कि ठगने का तरीका एक जैसा ही है. सबके पास अपना कार्ड मौजूद था. किसी ने भी कार्ड से कोई लेन-देन नहीं किया. कहीं कोई ओटीपी और पिन नम्बर नहीं बताया. किसी दूसरे से कार्ड की जानकारी भी साझा नहीं की. लेकिन इसके बाद भी किसी के कम तो किसी के ज्यादा रुपये अकाउंट से निकल गए.

आईटी एक्सपर्ट यश कुशवाह बताते हैं कि होता ये है कि अक्सर बहुत सारे यूजर अपने कार्ड की जानकारी को किसी ऐसी बेवसाइट पर सेव कर लेते हैं जिसे वो अक्सर इस्तेमाल करते हैं. बस इसी का फायदा हैकर उठाते हैं. इसलिए ध्यान रहे कि कभी भी आप अपने कार्ड की जानकारी किसी भी साइट और अपने फोन में सेव न करें. दूसरा ये कि एटीएम में हैकर डेटा स्कीमिंग डिवाइस लगा देते हैं और जब यूजर अपना कार्ड स्वाइप करता है तो उनकी पूरी जानकारी कॉपी कर ली जाती है. पब्लिक प्लेस के वाइ-फाइ से अपने फोन को कनेक्ट करके ऑनलाइन पेमेंट से बचें.