लखनऊ: गुज़िश्ता शब 5 रमज़ानुल मुबारक दरगाह हज़रत मख़्दूम शाहमीना के जामा मस्जिद में पांच पारे तरावीह में कुरआन मजीद का पहला दौर हाफिज मो0 मतीन व हाफिज मो0 गुलफाम तुतअल्लिम दारुल उलूम हज़रत मख्दूम शाहमीना ने मुकम्मल करायां दरगाह के सज्जादानशीन व मुतवल्ली पीरज़ादा शेख राशिद अली मीनाई ने खत्म कुरआन मजीद की अहमियत व फज़ीलत रौशनी डालते हुए कहा कि कुरआन मजीद का पढ़ना तमाम चीजों से अफजल है। अल्लाह ने उलफत व मुहब्बत की अलामत यह है कि हम उसके कलाम पाक की मुहब्बत कल्बो जिगर में बसा लें। उसकी तालीम पर अमल करने दुनिया आखिरत में कामयाबी दरकार होगी लेकिन आज हमारा हाल यह है कि कुरआन मजीद की मुहब्बत दिल से निकाल कर दुनिया की मुहब्बत बसा ली है।

बड़ी अफसोस की बात है कि उलूम-ए-दुनिया हासिल करने में एड़ी चोटी का ज़ोर लगा देते हैं और रुपये बहाने में कोई कसर नहीं छोड़ते मगर कुरआन की तालीम की जब बात आती है तो उससे मुकर जाते हंै।

तरावीह में हज़ारों की तादाद में लोग मौजूद थे जिनमें कारी मो0 शरीफ, हाफिज़ ज़ैद शाहिद, कारी मो0 इस्लाम, कल्लू भाई, जमील अहमद, शब्बीर अहमद बशीरी, शमशेर अली, मुदस्सिर आलम, हाजी मो0 शफीक मीनाई सिलसिला के पीरजादा शेख जाहिद अली, रईस अली मीनाई, रेहान अली मीनाई आदि मौजूद थे। 2 पारे रोज़ हाफिज मो0 ज़ैद शाहिद सुनायेंगे।