नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश करने के मामले में बिना शर्त माफी मांग ली है। राहुल ने बुधवार को सुनवाई के दौरान अवमानना मामले पर तीन पन्नों का हलफनामा दायर करते हुए कहा कि वे बिना कोई शर्त सुप्रीम कोर्ट से मांफी मांगते हैं। राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का यह मामला बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से दायर किया गया था।

राहुल गांधी ने दरअसल राफेल मामले के एक फैसले के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि 'सुप्रीम कोर्ट भी अब मान गया है कि चौकीदार चोर' है। राहुल ने यह बयान रायबरेली में दिया था। इसी बयान को लेकर मीनाक्षी लेखी सुप्रीम कोर्ट गई थीं और आरोप लगाया था कि कोर्ट की बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

इससे पहले इस मामले में पिछले महीने सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा था कि उन्होंने कथित अपमानजनक टिप्पणी 'चौकीदार चोर है' को गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से बताने के लिये सीधे तौर पर अपनी गलती स्वीकार नही की। दरअसल, राहुल की सुप्रीम कोर्ट के हवाले से 'चौकीदार चोर' की टिप्पणी उस फैसले के बाद आई थी जिसमें अदालत ने लीक हुए दस्तावेज पर भी विचार की बात कही थी।

राहुल इस मामले की पहली सुनवाई में अपने बयान पर खेद जताया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने गांधी के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से जानना चाहा कि हलफनामे में कोष्ठक में इस्तेमाल शब्द ‘खेद’ का क्या अर्थ है। इसपर सिंघवी ने कहा, 'खेद शब्द माफी के जैसा ही है। मैंने शब्दकोश में देखा है।'

इसके बाद सिंघवी ने बेहतर हलफनामा दायर करने के लिये और समय मांगते हुए कहा कि वह बेहतर हलफनामा देंगे जिसमें वह संकेत देंगे कि गांधी शीर्ष अदालत से गंभीरता से माफी मांग रहे हैं।