नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार कहा है कि मसूद अजहर का ब्लैकलिस्ट होना अभी कोई कामयाबी नहीं है। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन से आपने क्या समझौता किया है? 2008 में हाफिज सईद को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया, लेकिन क्या वो पब्लिक मीटिंग नहीं करता? क्या उसकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ी? यकीनन ब्लैकलिस्ट हुआ है मगर इसको आपक दावा कर रहे हैं कि बहुत बड़ी कामयाबी है, लेकिन अभी यह कामयाबी नहीं है।

बता दें कि पाकिस्तान में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आखिरकार बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। अजहर का आतंकवादी समूह 2000 में अस्तित्व में आया था। उसने भारत में पुलवामा आतंकवादी हमले सहित कई आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर किए हमले की जिम्मेदारी भी जैश ने ली थी, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।

इसके बाद से ही भारत लगातार मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिश कर रहा था। अब 75 दिन बाद उसे कामयाबी मिल गई है। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो लगा दे रहा था।

चीन अभी तक चार बार वीटो लगा चुका था, लेकिन पांचवीं बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वह राजी हो गया है।

फिर चाहे वह कंधार कांड हो या फिर अब पुलवामा में हुआ बड़ा आतंकी हमला। दरअसल, 90 के दशक से ही मसूद अजहर जम्मू-कश्मीर में एक्टिव रहा है। 1994 में उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था. मगर, कंधार कांड के बाद भारत सरकार को उसे रिहा करना पड़ा था। उसी के बाद से वह भारत के लिए चिंता का विषय बन गया।

भारत से रिहा होने के बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नाम का संगठन बनाया, जिसने अभी तक हिंदुस्तान में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है।