नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के चलते भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कराया था। कोर्ट में लेखी का पक्ष वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने रखा। कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ पार्टी नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल गांधी का पक्ष रखा। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 अप्रैल, 2019) को राहुल गांधी को नोटिस जारी कर एक अवमानना याचिका पर उनका जवाब मांगा है, हालांकि उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी। कांग्रेस अध्यक्ष की इन टिप्पणियों के बारे में शीर्ष अदालत ने कहा था कि इसे ‘‘गलत तरीके से उसके हवाले से बताया गया’’ है।

मीनाक्षी लेखी का पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने गलत बयानबाजी की थी। राहुल गांधी ने माना है कि उन्होंने कोर्ट का आदेश नहीं पढ़ा और फिर भी जोश में आकर बयान दिया। रोहतगी ने कहा, ‘इनके (राहुल गांधी) पास वकीलों की टीम है। तो क्या उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी पढ़कर नहीं सुनाया गया। राहुल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चौकीदार चोर है जबकि अदालत ने ऐसा कुछ नहीं कहा।’

मुकुल रोहतगी की इस जिरह के जवाब में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि चौकीदार कौन है? यहां बता दें कि चीफ जस्टिस ने हल्के-फुल्के अंदाज में ऐसा सवाल पूछा। इस दौरान कोर्ट रूम में चारों तरफ हंसी के फव्वारे फूट पड़े। गौरतलब राहुल गांधी ने सोमवार को एक हलफनामे में दावा किया था कि राजनीतिक (चुनाव) प्रचार के जोर पकड़ने पर यह टिप्पणी की गई थी। राहुल ने अपनी टिप्पणी को लेकर ‘‘खेद’’ भी प्रकट किया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि राहुल के खिलाफ लेखी की आपराधिक अवमानना याचिका पर 30 अप्रैल को राफेल मामले में पुर्निवचार याचिका के साथ ही सुनवाई की जाएगी। राफेल सौदे पर शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुर्निवचार के लिए यह याचिका पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर की है।