नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी -अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी 23 मई को सपा और बसपा की दोस्ती टूट जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दावे पर पलटवार करते हुए कहा कि उस दिन यह दोस्ती नहीं, बल्कि भाजपा का गुरूर टूटेगा।

अखिलेश ने खीरी और धौरहरा सीट से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा ''अगली 23 मई को हमारा गठबंधन नहीं, बल्कि भाजपा का अहंकार टूटेगा।''

मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने गत शनिवार को एटा में अपनी रैली में कहा था कि आपस में गठबंधन करके चुनाव लड़ रही सपा और बसपा की 'फर्जी' दोस्ती 23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के दिन टूट जाएगी।

अखिलेश ने भाजपा द्वारा उठाये जा रहे मुद्दों पर सवाल करते हुए कहा ''भाजपा कहती है कि उसकी वजह से देश की सीमाएं सुरक्षित हैं, जबकि सचाई यह है कि हमारी सरहदें हमारे वीर जवानों की वजह से सुरक्षित हैं।'' उन्होंने कहा कि भाजपा हर चीज को राजनीति में घसीट रही है। यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, जिसकी वजह से अभूतपूर्व बेरोजगारी फैली है। भाजपा ने अपना भविष्य सजाने के लिये देश के मुस्तक़बिल को अंधेरे में धकेल दिया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सपा-बसपा-रालोद महा गठबंधन को 'महा मिलावट' कहते हैं। अगर तीन पार्टियों का गठबंधन महा मिलावट है तो भाजपा के बनाये 38 दलों के गठजोड़ को क्या नाम दिया जाए।

अखिलेश ने केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने फसलों का समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करने का वादा किया था। क्या किसी किसान को अपनी उपज का डेढ़ गुना दाम मिला है?

उन्होंने तंजिया लहजे में मोदी सरकार को 'दिल्ली वाली चमत्कारी सरकार' बताते हुए कहा कि इस सरकार ने खाद की हर बोरी से पांच किलोग्राम उर्वरक चोरी कर लिया। आज किसान अपनी उपज बढ़ाने पर ध्यान देने के बजाय छुट्टा पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिये रात-रात जागकर उसकी रखवाली करने को मजबूर हैं।

अखिलेश ने भाजपा पर हमले जारी रखते हुए उसे 'भयंकर जुमला पार्टी' करार दिया। सपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि 'बाबा' ने कहा था कि अगर संविधान नहीं होता तो सपा के लोग जानवर चरा रहे होते।

मगर यदि संविधान नहीं होता तो बाबा खुद एक मठ में सीमित होकर रह जाते। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को चाहिये कि वह योगी द्वारा चुनाव प्रचार पर पाबंदी नहीं लगाये, क्योंकि वह जितना ज्यादा प्रचार करेंगे, महा गठबंधन को उतना ही फायदा होगा।