लखनऊ: विवादित बयान के मामले में चुनाव आयोग की ओर से 48 घंटे की रोक लगाए जाने के फैसले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने नाराजगी जताई है. मायावती ने कहा है कि चुनाव आयोग ने मेरे ऊपर जिस तरह से रोक लगाई है वह भारत के लोगों के मूलभूत अधिकार का हनन है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का फैसला भारत के लोकतंत्र में काला दिवस के रूप में जाना जाएगा. चुनाव आयोग ने मुझे चुप कराकर गरीबों की आवाज को चुप कराया है. भारत की जनता भी चुनाव आयोग के इस फैसले से खुश नहीं है.

मंगलवार को आगरा में होने वाली चुनावी सभा पर रोक से पहले बसपा सुप्रीमो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगा रहा है. चुनाव आयोग अगर हमारे ऊपर भड़काऊ भाषण का आरोप सही मानते हुए रोक लगा सकता है तो नरेंद्र मोदी पर क्यों नहीं? मायावती ने चुनाव आयोग पर गलत और असंवैधानिक तरीके से रोक लगाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भी पता है कि दूसरे चरण का चुनाव जिन लोकसभा सीटों पर होना है वहां पर हम मजबूत स्थिति में हैं. यही कारण है कि बीजेपी के इशारे पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है, जिससे मैं आगरा में चुनावी सभा न कर सकूं.

मायावती ने चुनाव आयोग पर अरोप लगाते हुए कहा कि मुझे बली का बकरा बनाया जा रहा है जबकि बीजेपी सेना के नाम पर वोट मांग रही है लेकिन उनके नेताओं पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर चुनाव आयोग की ओर से लगाई गई रोक के जवाब में उन्होंने कहा कि वो बीजेपी के नेता है और मैं पार्टी की अध्यक्ष हूं. अगर चुनाव आयोग रोक लगाता है तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर रोक क्यों नहीं लगा रहा है?