जांजगीर चांपा (छत्तीसगढ़): उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार पर किसानों, दलितों और आदिवासियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नीति सांप्रदायिक के आधार पर समाज को बांटने की रही है। मायावती ने रविवार को चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार देश के किसानों, दलितों, आदिवासियों और धार्मिक अल्पसंख्यकों का शोषण करती है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के दौरान नौकरियों में पदोन्नति को लेकर आरक्षित वर्ग के लोगों के साथ भेदभाव किया गया। मायावती ने मोदी सरकार को जुमलेबाजी की सरकार बताते हुए कहा कि इस सरकार की जाने की बारी आ गई है।

बसपा प्रमुख ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पर हमला किया। मायावती ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जुमलेबाजों की सरकार रही है जो लोगों की भावनाएं भड़काती है। उनके सभी वादे जुमला साबित हो जाते हैं। उन्होंने जनता को अच्छे दिन का नारा दिया और कहा गया कि 15 लाख रुपये मिलेंगे, लेकिन आज हकीकत सबके सामने है।

मायावती ने कहा कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और आधी अधूरी तैयारियों के बीच लागू की गई नोटबंदी और जीएसटी कानून से लाखों लोग बेरोजगार हुए, छोटे उद्योग बंद हो गए। देश में गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है। उन्होंने देश के शोषित पिछड़ी जातियों की बड़ी आबादी का हवाला देते हुए कहा कि अब समय आ गया है जनता केंद्र और राज्य की चाबी अपने हाथों में ले।

मोदी सरकार ने विपक्षी पार्टियों का मुंह बंद करने के लिए सीबीआई, ईडी जैसे हथियार अपना रही है। जनप्रतिनिधियों को खिलाफ झूठे मामले में फंसाने का काम कर रही है, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भी किया था। उन्होंने कांग्रेस की ओर से गरीबों को छह हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से साल में 72 हजार रुपये देने के वादे पर कहा कि बसपा की सरकार बनने पर हम हर हाथ को काम और बेरोजगारों को सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों में स्थाई नौकरी देने का काम करेंगे। इस दौरान जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रमुख अजीत जोगी और अन्य नेता भी मौजूद रहे।