नई दिल्ली: अभी लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की ही वोटिंग हुई है, लेकिन विपक्ष ने ईवीएम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि 21 राजनीतिक दल 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे।

सिंघवी ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटान के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त प्रयास कर रहा है।' उन्होंने कहा, 'चुनाव के पहले चरण के बाद सवाल उठाए गए थे, हमें नहीं लगता कि चुनाव आयोग पर्याप्त ध्यान दे रहा है। यदि आप एक्स पार्टी के आगे का बटन दबाते हैं, तो वोट वाई पार्टी को जाता है। VVPAT केवल 7 सेकंड के बजाय 3 सेकंड के लिए प्रदर्शित होता है।'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'लाखों मतदाताओं के नाम बिना फिजिकल वैरिफिकेशन के ऑनलाइन हटा दिए गए हैं। पार्टियों ने चुनाव आयोग को एक लंबी सूची दी है। वीवीपीएटी के पेपर ट्रेल के कम से कम 50% को गिनना और भी आवश्यक हो गया है। हम सुप्रीम कोर्ट में भी यही मांग करेंगे।'

इससे पहले शनिवार को चंद्रबाबू नायडू ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा जिसमें गुरुवार को राज्य में चुनाव के दौरान भारी संख्या में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ और अपर्याप्त सुरक्षा के कारण हिंसा की घटनाओं का आरोप लगाया।

वहीं बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों के लिए हुए मतदान के दौरान ईवीएम गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से इन अनियमितताओं का पूरी गंभीरता से संज्ञान लेकर समाधान निकाले की मांग की।