नई दिल्ली: चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बुधवार को जयपुर में खेले गए मुकाबले में नो बॉल को लेकर डग आउट में अंपायर्स से बहस करने पहुंच गए थे। इसके बाद मैच रेफरी ने उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी मानते हुए मैच फीस के पचास प्रतिशत का जुर्माना लगाया। ऐसे में धोनी को दी गई सजा को लेकर बहस चल रही है। बिशन सिंह बेदी भी अधिकारियों को डरपोक बताकर धोनी को दी गई सजा की आलोचना कर चुके हैं। ऐसे मे नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग ने धोनी को लेकर प्रतिक्रिया दी है।

सहवाग ने धोनी को दी गई सजा को कम बताते हुए कहा कि उनपर दो से तीन मैच का प्रतिबंध लगाना चाहिए था। सहवाग ने कहा, यदि धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ऐसा करते तो मुझे खुशी होती। मैंने उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इस तरह मैदान पर गुस्से में आपा खोते कभी नहीं देखा। इसलिए मुझे लगता है कि वो चेन्नई की टीम के लिए ज्यादा भावुक हो गए। लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें मैदान पर जाकर अंपायर्स से बहस नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि टीम के दो खिलाड़ी पहले से मैदान पर मौजूद थे और अपांयर से नो बॉल को लेकर बहस कर रहे थे।

सहवाग ने आगे कहा, धोनी को इस मामले में सस्ते में छोड़ दिया गया उनपर दो से तीन मैच का प्रतिबंध लगाया जाना था। क्योंकि उन्होंने आज ऐसा किया है कल और कोई कप्तान भी ऐसा कर सकता है। ऐसे में मैदान में अंपायर्स की क्या अहमियत रह जाएगी? इसलिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 2 से 3 मैच का प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए था ताकि अन्य लोगों के बीच ऐसा नही करने का संदेश जाता। उन्हें मैदान के बाहर रहकर चौथे अंपायर के वॉकीटॉकी के जरिए फील्ड अंपायर्स से इस बारे में बात करनी चाहिए थी।

हालांकि मैच के बाद धोनी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली थी और पहली बार उन्हें लेवल टू के अपराध का दोषी मानते हुए आईपीएल की आचार संहित के अनुच्छेद 2.20 के तहत जुर्माना लगाया गया था। उनके द्वारा उठाया गया कदम खेल भावना के खिलाफ थी।