नई दिल्ली: भारत की आजादी की लड़ाई के आंदोलन में जानें कितने ही लोगों ने अपने प्राणों की आहूतियां दी लेकिन आजादी के मतवालों ने अमृतसर के जालियांवाला में जो अपने प्राणों की आहुति दी उसको कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है। साल 1919 में जालियांवाला बाग में अंग्रेज- जनरल डायर तमाम निहत्थे लोगों पर गोली चलवाई थी जिसमें कई लोग मारे गए थे।

इस भयानक नरसंहार को लेकर लोगों का आक्रोश आजादी के इतने साल बाद भी लोगों में मन में धधक रहा है और अक्सर ही ब्रिटेन से इस मामले पर माफी मांगने की मांग उठती रही थी लेकिन इतने सालों तक कुछ भी नहीं हुआ।

आज ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ब्रिटिश संसद में 'जालियांवाला बाग नरसंहार' पर खेद जताते हुए मे ने कहा कि हत्याकांड में लोगों को जो पीड़ा पहुंची उसका हमें अफसोस है।

इससे कुछ समय पहले लंदन के मेयर सादिक खान ने अमृतसर दौरे पर बड़ा बयान दिया था उन्होंने कहा था कि वक्त आ गया है कि ब्रिटिश सरकार को 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए माफी मांगनी चाहिए, उन्होंने कहा था कि यह एक त्रासदी है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता, खान अमृतसर पहुंचे थे जहां उन्होंने जलियांवाला बाग घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

उन्होंने कहा, जलियांवाला बाग जाना विश्वास से परे है, मारे गए लोगों के साथ हमारी संवदेना हैं, खान ने जलियांवाला बाग आगंतुक पुस्तिका में लिखा था कि वक्त आ गया है कि ब्रिटिश सरकार आखिरकार माफी मांगे,1919 में वैशाखी की पूर्व संध्या पर हुई इस घटना को हमें अवश्य ही कभी नहीं भूलना चाहिए।'