कहा-'वन मैन आर्मी और टू मेन शो बन गई है बीजेपी'

नई दिल्ली: कभी बीजेपी का स्टार चेहरा रहे पार्टी सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस पार्टी में विधिवत रूप से शामिल हो गए हैं, खास बात ये है कि आज ही बीजेपी पार्टी का स्थापना दिवस है। वो इस बार कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब सीट से चुनाव लड़ेंगे।

शत्रुघ्न सिन्हा लंबे समय से मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। ऐसे में समझा जा रहा था बीजेपी इस बार उनका टिकट काट सकती है। बीजेपी ने इस बार पटना साहिब सीट से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है।

शत्रुघ्न सिन्हा ने इस मौके पर बीजेपी पर जमकर वार किए, शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा-बीजेपी में बड़े नेताओं का अपमान हुआ और बीजेपी में लोकशाही तानाशाही में बदल गई है।

शत्रुघ्न सिन्हा से इस मौके पर सवाल किया गया कि क्या आपकी पत्नी पूनम सिन्हा क्या लखनऊ से चुनाव लड़ेंगी तो शत्रुघ्न का जवाब था कि-'कुछ भी हो सकता है'

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बीजेपी ने वरिष्ठों को मार्दर्शक मंडल में डाला और मेरी गलती रही है कि मैं सच्चाई के साथ खड़ा रहा।

शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा कि यशवंत सिन्हा को इतना मजबूर किया कि पार्टी छोड़ दी, वो बोले कि मैंने कहा संवाद होना चाहिए लेकिन वो नहीं हुआ, मैंने हमेशा देशहित की बात की।

उन्होंने पहले ट्वीट किया- 'यह बहुत भारी मन और अपार पीड़ा की बात है कि आखिरकार मैंने उन कारणों से छह अप्रैल को भाजपा के संस्थापना दिवस के मौके पर अपनी पुरानी पार्टी को अलविदा कह दिया जो हम सबको पता हैं।'

उन्होंने कहा, 'मेरे मन में अपने लोगों के बारे में कोई गलत इच्छा नहीं है क्योंकि वे मेरे परिवार को पसंद करते हैं। मैं इस पार्टी में भारत रत्न नानाजी देशमुख, दिवंगत और महान प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी और बेशक हमारे दोस्त और दार्शनिक, शानदार नेता, गुरु और मार्गदर्शक लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन में निखरा हूं।'

शत्रुघ्न सिन्हा मोदी सरकार की कार्यशैली एवं उसकी नीतियों की आलोचना करते आ रहे थे। ऐसे में यह समझा जा रहा था कि बीजेपी इस बार उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाएगी। बीजेपी से टिकट न मिलने की अटकलों पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह पटना साहिब से ही चुनाव लड़ेंगे। इस बीच बीजेपी से उनकी दूरी लगातार बनती जा रही थी।

सूत्रों ने बताया कि शत्रुघ्न सिन्हा ने पिछले दिनों लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी से मुलाकात की और उन्हें महागठबंधन का उम्मीदवार बनाने की चर्चा थी लेकिन अंत में उन्हें राजद अथवा कांग्रेस के टिकट का विकल्प चुनने का प्रस्ताव दिया गया। इस पर सिन्हा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था।