लखनऊ: दरगाह हज़रत मखदूम शाहमीना शाह रह में मीनाई एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी के ज़ेरे एहतिमाम मेराज उन्नबी दरगाह शाहमीना शाह के सज्जादा नशीन व मुतवल्ली पीरजादा शेख राशिद अली मीनाई की सदारत में मुनअक़िद हुआ। जश्न का आग़ाज कारी मोहम्मद अजमत ने तिलावते कलाम पाक से किया। जश्न मेराज उन्नबी को खिताब करते हुये मौलाना जाकिर रज़ा मीनाई ने कहा कि अल्लाह तआला ने अपने आखिरी पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा स.अ0व0 पर जिस किताब मुकद्दस को नाज़िल फरमाया उस के पन्द्रहवें पारे की पहली आयत में मेराज रसूल का जिक्र फरमाया है। उन्होंने कहा हुजरूज को मक्का से बैतुल मुक़द्दस तक सारी कायनात के इस पार के बुलन्द सिदरतुल मुन्तहा तक ले जाया गया और ये वाक़िया रजब की 27 तारीख का है जिस की शब में आपकी खिदमत में अम्बिया किराम की नमाज़ की इमामत फरमाई और आसमानी दुनिया पर तश्रीफ ले गये जहां शबे मेराज में हुजूर को अल्लाह से पस परदा हम कलामी का शर्फ हासिल हुआ जिस में रात में आप को पचास नमाज़ों का तोहफ़ा दिया गया जिन की तादाद बाद में कम कर के पांच कर दी गयी। निजामत के फराएज कारी मोहम्मद इस्लाम कादरी ने अन्जाम दिये। आइनये मेराज में कारी जहांगीर, कारी मुईनुद्दीन, अतीक़ सिद्दीक़ी, क़मर सीतापुरी, कमरुल हफ़ीजद्व, कारी शरफुद्दीन, आलमगीर, रईस आलम, दारूल उलूम शाहमीना शाह के तलबा ने नात व मनक़बत के इशआर पेश किये। जश्न मेराजुन्नबी में मुल्क में अमन व अमान तरक़्क़ी व खुशहाली की खुसूसी तौर से दुआ की गयी। इस मौक़े पर पीरजादा रईस अलीम मीनाई, जाहिद अली मीनाई, मज़हर अली मीनाई, शमशेर अली, साद अली एडवोकेट, जमील अहमद बशीरी, हाजी शफीक़ वगैरह खास तौर से मौजूद थे। सलात व सलाम व कुल दुआ के बाद जलसे का इख्तिताम हुआ।