न्यूनतम आय योजना (न्याय) : कांग्रेस की सरकार 2030 तक करीबी का नामोनिशान मिटाने के लिए कांग्रेस न्यूनतम आय आयोजना की शुरुआत करेगी। देश की जनसंख्या के 20 प्रतिशत यानि 5 करोड़ गरीब परिवारों को हर साल 72, 000 रुपए नकद हस्तांतरित किए जाएंगे। यह धन परिवार के महिला सदस्य के खाते में भेजा जाएगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा : कांग्रेस सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के कार्यकाल को वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगी। इनकी शक्तियां एवं कार्यों को परिभाषित किया जाएगा। इनके अधीन कार्यरत एजेंसियां संसद के प्रति जवाबदेह होंगी।

आंतरिक सुरक्षा : कांग्रेस आतंकवाद, आतंकवादियों की घुसपैठ, माओवादी/नक्सलवाद, जातीय साम्प्रदायिक संघर्ष से निपटने के उपाय करेगी। आतंकवाद और आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ कठोरतम उपाय किया जाएगा। माओवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए कांग्रेस दोहरी रणनीति अपनाएगी। हिसंक गतिविधियों को रोकने के लिए जहां एक तरफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे कि प्रभावित क्षेत्र की जनता के साथ-साथ माओवादी कार्यकर्ताओं का दिल जीत कर मुख्यधारा में लाया जा सके।

विदेश नीति : कांग्रेस मित्रता, शान्तिपूर्ण सह-अस्तिव, गुटनिरपेक्षता और स्वतंत्रता के विचार के साथ विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय संबन्ध बढ़ाने की दिशा में कार्य करगी। कांग्रेस विदेश नीति से संबंधित मामलों पर सरकार को सलाह देने के लिए सुरक्षा विशेषज्ञों, विषय विशेषज्ञों और कूटनीतिज्ञों तथा सुरक्षा के लिए कैबिनेट कमेटी को मिलाकर विदेश नीति पर एक राष्ट्रीय परिषद् की स्थापना करेगी। कांग्रेस दुनिया के देशों विशेषकर पड़ोसी देशों और जी-20 देशों के साथ विभिन्न मंचों और संस्थानों में संयुक्त रूप से कार्य करेगी।

सीमा सुरक्षा : कांग्रेस सरकार सीमा सुरक्षा बलों बी.एस.एफ, आई.टी.बी.पी. और असम राइफल की ताकत बढ़ाएगी और सीमा पार से होने वाले आतंकी घुसपैठ, तस्करी, अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा के नजदीक उनकी तैनाती करेगी। सरकार सुरक्षाबलों के काम करने और रहने के लिए बेहतर स्थिति उपलब्ध करवाने के लिए आधुनिक और सुसज्जित एकीकृत बार्डर आउटपोस्ट का निर्माण भी करेगी। दो सीमा चौकियों के बीच की दूरी कम की जाएगी तथा अधिक ऊंचाई वाली सीमा चौकियों में पोस्टिंग की अवधि एक बार में 3 महीने की जाएगी।

रोजगार : कांग्रेस ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, न्यायपालिक और संसद के सभी 4 लाख रिक्त पदों को मार्च 2020 तक भर दिया जाएगा। सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर 10 लाख सेवा मित्रों की नियुक्ति करेगी। सरकारी परीक्षाओं एवं सरकारी पदों के लिए होने वाली परीक्षा से आवेदन शुल्क समाप्त किया जाएगा।

उद्योग : कांग्रेस का वादा है कि वह जीडीपी की मौजूदा हिस्सेदारी 16 प्रतिशत को अगले पांच वर्ष में 25 प्रतिशत तक करके भारत को विश्व का निर्माण केंद्र बनाएगी। कांग्रेस छोटे और मध्यम व्यवसाय को उन्नत तकनीक उपलब्ध करवाने के लिए पेटेंट हासिल करके एक पेटेंग संग्रह पूल बनाएगी।

आधारभूत ढांचा : कांग्रेस राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की गति को बढ़ाते हुए उनका विस्तार करेगी। राजमार्गों के निर्माण में उनके डिजायन, गुणवत्ता, रखरखाव तथा जवाबदेही पर विशेष ध्यान देगी।

ग्रामीण विकास : कांग्रेस सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 'ग्रामीण बुनियादी ढांचा कोष' बनाएगी। मनरेगा-3.0 की शुरुआत करने का वादा। मनरेगा के तहत काम के दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 दिन की जाएगी।

कृषि क्षेत्र : कांग्रेस ने वादा किया है कि वह छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह अन्य राज्यों में भी कृषि ऋण माफ करेगी। किसानों को 'कर्ज मुक्ति' की तरफ ले जाने का वादा। किसोनों को फसलों का उचित मूल्य देने, बैंकों से ऋण सुविधा की व्यवस्था। कर्ज में फंसे किसान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की अनुमति नहीं होगी।

आर्थिक नीति : कांग्रेस की सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कदम उठाएगी। 2020-21 तक तीन प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य को पूरा करेगी। राजस्व घाटा जीडीपी के एक प्रतिशत तक रखने का वादा। राष्ट्रीय सुरक्षा को छोड़ अन्य सभी क्षेत्रों में एफडीआई का स्वागत किया जाएगा। दुनिया की सभी फॉर्च्यून कंपनियों को भारत में व्यापार करने के प्रयास होंगे। नोटबंदी एवं जीएसटी से प्रभावित छोटे एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को पुनर्जीवित एवं पुनर्स्थापित करने के लिए नई योजना बनेगी।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी : कांग्रेस ने उद्योगों के साथ मिलकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर जीडीपी का 2 प्रतिशत खर्च करने का वादा किया है। अनुसंधान के संस्थानों में वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं के रिक्त पदों पर 12 महीने में भर्ती की घोषणा। विज्ञान-प्रौद्योगिकी एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया जाएगा।