लखनऊ में यह एक सोच फाउण्डेशन संस्था के द्वारा आज “जश्न -ए-युवा” नामक युवा महोत्सव का शुभारम्भ शिरोज़ हैंगआउट में किया गया। इस युवा उत्सव का नेतृत्व संस्था से जुड़े युवाओं द्वारा किया गया जो संस्था के लर्निंग एवं लीडरशिप यात्रा का हिस्सा रहे है, जिससे वो स्वंय एवं समाज को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे है । यह उत्सव की पहली कड़ी थी जो प्रत्येक वर्ष विभिन्न मुददो को थीम बनाकर चलाया जायेगा। इस वर्ष की थीम अमन और भाईचारा को लेकर की गयी ।

कार्यक्रम का आरम्भ एस0 डी0 जी0 पर सवाल जवाब द्वारा किया गया जिसके पश्चात् एक पैनल चर्चा“यस टाॅक – आओ बात करे” की गयी जिसमें बदलाव संस्था से शरद पटेल,मेधा फाउण्डेशन से ब्योमकेश मिश्रा, केतली से अम्बरीन, युवा लेखक हफ़ीज़ किदवई व यश पेपर्स से सुनीता पाॅल ने अपने विचारो एवं अनुभवो को साझा किया ।'यस टाॅक यह एक सोच फाउण्डेशन की एक विशेष पहल है जहाॅ उन युवाओ को मंच प्रदान किया जाता है, जिन्होने समाज के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे: शिक्षा, रोज़गार, सौहार्द आदि में अपना विषेष योगदान दिया है।

अन्त में अमन और भाईचारा पर कवि सम्मेलन/मुशायरा का आयोजन किया गया जिसमें युवा कवि गौरव दिक्षित मासूम, अहमद अली ख़ान, ज़ुहैब फारुकी, क्षितिज कुमार एवं सलमान ख्याल ने अपनी कवितायें एवं शायरियों से लोगो में उत्साह भर दिया । इस कवि सम्मेलन/मुषायरा की निज़ामत कमर अब्बास द्वारा की गयी । इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम हुये ।

प्रवाह एवं कम्युटिनी द यूथ कलेक्टिव संस्था की पहल “बी ए जागरिक एवं स्माईल कार्यक्रम ” जो उत्तर प्रदेश में 11 संस्थाओं द्वारा चलाया जा रहा है जिसका नेतृत्व यह एक सोच फाउण्डेशन द्वारा किया जा रहा है । इस कार्यक्रम का आयोजन कराने में यूएनएफपीए ने सहयोग प्रदान किया ।