नई दिल्ली: बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के दो सप्ताह से कम समय पहले जदयू में नंबर दो माने जा रहे चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चुनाव प्रचार व मैनेजमेंट प्रमुख का पद छोड़ने की घोषणा कर दी है।

अपने ट्वीट में प्रशांत किशोर ने कहा, ‘बिहार में NDA माननीय मोदी जी एवं नीतीश जी के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव लड़ रहा है। JDU की ओर से चुनाव-प्रचार एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरीय एवं अनुभवी नेता RCP सिंह जी के मजबूत कंधों पर है। मेरे राजनीति के इस शुरुआती दौर में मेरी भूमिका सीखने और सहयोग की है।’

प्रशांत के ट्वीट में RCP का प्रयोग जदयू के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा राम चंद्र प्रसाद सिंह के लिए किया गया है। सिंह नालंदा के रहने वाले हैं और राजनीति में आने से पहले वह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी थे।

वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव भी रह चुके हैं। पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के इस कदम को राजनीति गलियारे में काफी हैरानी भरा माना जा रहा है। माना जा रहा था कि प्रशांत किशोर ही जदयू के लोकसभा के प्रचार की रणनीति तैयार करने के साथ इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे।

इसके अलावा नीतीश कुमार दो मौकों पर यह जिक्र कर चुके थे कि प्रशांत किशोर को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की व्यक्तिगत सिफारिश के आधार पर शामिल किया गया था। किशोर कुमार पीएम नरेंद्र मोदी के पूर्व राजनीतिक सहयोगी रह चुके हैं।

दोनों नेताओं के बीच मतभेद उस समय सामने आ गए थे जब एक टीवी इंटरव्यू के दौरान, किशोर ने कहा था, ‘उन्हें (नीतीश कुमार) महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद एनडीए से मिलने से पहले फिर से चुनाव में जाना चाहिए था।’ इस बयान ने साफ तौर पर पार्टी के भीतर गंभीर असंतोष को जन्म दिया।

जदयू एमएलसी और पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा था, ‘वह जनादेश लेने का प्रवचन दे रहे हैं। उस समय उनका ज्ञान कहां था जब पार्टी ने भाजपा के साथ मिलने का निर्णय लिया था?’