लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पिता मुलायम सिंह यादव को जबरन समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी से हटा कर उसपर बैठने वाले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव की अयोग्यता जगजाहिर हो गई है।

प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि पिता ने जिस पार्टी को बड़ी मेहनत से खड़ा किया उसे अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के हाथों गिरवी रख दिया है। इससे मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। मुलायम सिंह यादव अपनी यह नाराजगी कहीं किसी रैली में न प्रकट कर दें इससे घबराकर अखिलेश यादव ने सपा के स्टार चुनाव प्रचारकों की सूची में अपने पिता का नाम ही नहीं डाला था। बाद में मीडिया में उनकी आलोचना होने के बाद श्री अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव का नाम जोड़ा। यह साबित करता है कि उनकी नजर में अपने पिता की क्या अहमियत है?

डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि अखिलेश यादव की अनुभवहीनता व लड़कपन हर चुनाव में जाहिर हो रहा है। इसी लड़कपन के चलते वे कभी कांग्रेस से गठबंधन करते हैं तो कभी बसपा से कर लेते हैं। कभी चुनाव न लड़ने की बात कहते है तो कभी मुकर जाते हैं। श्री अखिलेश यादव की कार्यशैली ने इनके परिवार में भी जमकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। इसीके चलते श्री मुलायम सिंह यादव के नजदीकी रिश्तेदार अनुजेश प्रताप सपा का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश यादव की हठधर्मिता से इनके नजदीकी लोगों में असंतोष है। जनता इनके और सुश्री मायावती के कुशासन को याद करके आज भी सिहर उठती है। एक बार फिर प्रदेश की सम्मानित जनता अखिलेश यादव और मायावती को धूल चटाने को बेताब है।