भारत के सबसे बड़े निजी जीवन बीमाकर्ताओं में से एक एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने ‘वूमन्स कैंसर इनीशिएटिव-टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल‘ द्वारा समर्थित एक अभिनव स्तन कैंसर जागरूकता पहल ‘थैंक्स ए डॉट’ लॉन्च की है। इस पहल का उद्देश्य देश की महिलाओं को सरल आत्म-परीक्षण तकनीकों के माध्यम से शुरुआती गांठ का पता लगाने के बारे में शिक्षित करके उन्हें सशक्त बनाना है। गांठ बनने के शुरुआती संकेतों का पता लगाने के लिए एक आसान स्व-उपयोग मॉड्यूल का निशुल्क आदेश एसबीआई लाइफ की कॉरपोरेट वेबसाइट के माध्यम से दिया जा सकता है। इस पहल को आगे ले जाने और अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, ऑनलाइन और प्रचार-प्रसार को एसबीआई लाइफ के डिजिटल और सोशल मीडिया पार्टनर वाॅटकन्सल्ट द्वारा संभाला और निष्पादित किया जाएगा, जो कि देंत्सू एजिस नेटवर्क की डिजिटल और सोशल मीडिया एजेंसी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, स्तन कैंसर भारतीय महिलाओं में होने वाले कैंसर संबंधी रोगों में नंबर एक बीमारी है। लगभग 20 प्रतिशत स्तन कैंसर का पता शारीरिक जांच से चलता है, लेकिन दुर्भाग्य से केवल 38 प्रतिशत महिलाएँ नियमित रूप से स्व-स्तन परीक्षण से गुजरती हैं। इसके अलावा, अध्ययनों से संकेत मिलता है कि 28 में से 1 महिला के अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर का शिकार होने की आशंका रहती है, इस लिहाज से महिलाओं के लिए आत्म-परीक्षण और भी आवश्यक हो जाता है। इस रोग के उपचार की लागत 2.5 लाख से 20 लाख रुपए के बीच हो सकती है, इसलिए रोग होने पर इसके निदान के लिए वित्तीय तैयारी करना भी बेहद जरूरी हो जाता है। ब्रेस्ट कैंसर से बचने वाली और वूमन्स कैंसर इनीशिएटिव-टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की वाइस प्रेसीडेंट सुश्री देविका भोजवानी ने कहा, ‘‘वूमन्स कैंसर इनीशिएटिव ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता लगाने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाकर, लगातार बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही है। हमारे देश में स्तन कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, हर साल 1,00,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। स्तन कैंसर के मामले में प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण है और लगभग 80 प्रतिशत मामलों में इलाज से सुधार हो सकता है। ज्यादातर भारतीय महिलाएं और उनके परिवार शायद ही कभी इस मुद्दे के महत्व को समझते हैं और इसीलिए वे नियमित जांच से बचते रहते हैं। एसबीआई लाइफ का थैंक्स-ए-डॉट टूल आपको सीखने और समझने की अनुमति देता है कि आपके शरीर में किसी गांठ के होने का आपके लिए क्या महत्व है। यह अपने आपको खुद से परिचित कराने का एक तरीका है।” ‘थैंक्स ए डॉट’ सेल्फ डिटेक्शन टूल को एक विशेष एल्गोरिथ्म और 3 डी प्रिंटिंग का उपयोग करते हुए स्तन कैंसर की गांठों को फिर से बनाने के लिए वास्तविक स्तन कैंसर मैमोग्राम का उपयोग करके डिजाइन किया गया है। ब्रेस्ट कैंसर की गांठ के आकार को ब्रेल से प्रेरित भाषा के रूप में एक लर्निंग कार्ड पर रखा जाता है। उपयोगकर्ता विशेष भाषा (लर्निंग कार्ड पर मौजूद) का उपयोग करके पहेलियों और क्विजों को हल करते हैं, इस प्रकार प्रारंभिक जांच परीक्षा को पूरा करने और खुद की नियमित जांच को बढ़ावा देने की सकारात्मक भावना को कैप्चर करते हैं। ‘थैंक्स ए डॉट‘ गांठ के गठन के शुरुआती संकेतों का पता लगाने के लिए महिलाओं में महसूस करने (स्पर्श) की क्षमता में सुधार करने में मदद करता है।