नई दिल्ली: चीन ने रविवार को कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध केवल तकनीकी वजह से अटका है और बातचीत के बाद यह मामला सुलझ जाएगा। चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने चीनी दूतावास में होली मिलन समारोह के दौरान संवाददाताओं से कहा कि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति के दायरे में लाने का मामला सुलझ जाएगा। यह केवल तकनीकी वजह से अटका है। इस पर कुछ और बातचीत होनी है और यह मामला सुलझ जाएगा।

लुओ ने कहा, “मसूद अजहर पर हम पूरी तरह से भारत की चिंताओं को समझते हैं और हमें आशा है कि यह मामला सुलझ जाएगा।” उन्होंने कहा कि वुहान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शिखर वातार् के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग सही दिशा में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। चीन इससे संतुष्ट है और हमारे सहयोग के भविष्य को लेकर काफी आशान्वित है।

होली मिलन समारोह का आयोजन चीन के राज दूतावास और कन्फेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स ने संयुक्त रूप से किया था। इस मौके पर दूतावास के राजनयिकों के परिजनों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

इससे पहले आधिकारिक सूत्रों ने यह बताया था कि आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने में कितना भी समय लगे भारत चीन के साथ संयम बरतने को तैयार है, लेकिन आतंकवाद पर अपनी स्थिति के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।

सूत्रों ने कहा कि ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें चीन को पाकिस्तान के साथ सुलझाने की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तानी की सरजमीं पर आतंकवादियों के सक्रिय होने के पर्याप्त सबूत हैं जो चीन के भी हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन ये मुद्दे पाकिस्तान के साथ सुलझाए और भारत इस पर संयम बरतेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने चीन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों के साथ अजहर के खिलाफ सबूत साझा किए हैं।