लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां लोक भवन में मध्यान्ह् भोजन योजना के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में कार्यरत ‘रसोइयों के सम्मेलन’ को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने रसोइयों के मानदेय को 1000 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रतिमाह करने की घोषणा की। यह राशि सीधे लाभार्थी के खाते में आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से भेजी जाएगी। उन्होंने रसोइयों को एप्रन और ग्लव्स वितरित किए। प्रदेश की सभी रसोइयों को एप्रन और ग्लव्स उपलब्ध कराए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन रसोइयों को ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना’ का भी लाभ दिलाया जाए। उन्होंने इन रसोइयों की चयन प्रक्रिया को सरल बनाने के दृष्टिगत घोषणा की कि जिन रसोइयों का कार्य सन्तोषजनक है, उन्हें दोबारा चयन प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। अच्छा कार्य करने वाली रसोइयों का स्वतः नवीनीकरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 68 हजार से अधिक विद्यालय हैं। जिसमें कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 1 करोड़ 76 लाख से अधिक है। उन सभी बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को देखते हुए उन्हें उत्तम भोजन प्राप्त हो सके, उस दृष्टि से मिड-डे-मील एक बहुत बड़ी योजना है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने ‘मां’ समूह बनाकर इस योजना को और भावनात्मक टच देने के कार्य किया है। जिसकी वजह से रसोइयों का महत्व काफी बढ़ जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में आम जन के जीवन में परिवर्तन लाने वाले बहुत से कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज केन्द्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। गरीब, किसान, नौजवान, मजदूर और समाज के सभी वर्गों तक बिना भेदभाव के शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं पहुंच रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कारण ही आज हर गरीब परिवार को उज्ज्वला योजना के तहत एक-एक निःशुल्क गैस कनेक्शन मिल पाया है। इस योजना का लाभ सभी को मिले, यही प्रदेश सरकार की भी मंशा रही है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 लाख से ज्यादा आवास दिए जा चुके हैं। वहीं शहरी क्षेत्र में 11 लाख 6 हजार आवास लोगों को मिल चुका है। प्रदेश सरकार ने 23 लाख परिवारों को 23 महीने में आवास उपलब्ध कराने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को 5 लाख रुपये निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है। जिन लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, उनको मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत शामिल किया गया है, जिनके लिए गोल्ड कार्ड जारी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना’ की शुरुआत की है। इसके तहत 18 से 40 की उम्र कामगारों को 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक जमा करना होगा। इस योजना में उतना ही अंश दान केंद्र सरकार भी करेगी। योजना से जुड़े कामगारों को 60 साल की आयु पर तीन हजार रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना उम्र के हिसाब से है, जिसमें 18 साल के कामगार को 55 रुपए, तो 35 साल के व्यक्ति को 200 रुपये जमा करना होगा।