लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने रक्षा मंत्रालय से राफेल सौदे के अहम एवं गोपनीय दस्तावेजों के गायब हो जाने की खबर को अति-दुर्भाग्यपूर्ण, अति-शर्मनाक और अति-गै़रज़िम्मेदाराना बताया है।

मायावती ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई के दौरान यह सनसनीखेज रहस्योद्घाटन करने से पहले नरेन्द्र मोदी सरकार को देश से माफी माँगनी चाहिये थी कि देशहित और देश सुरक्षा के मामले में वह विफल साबित हुई है।' रक्षा मंत्रालय से राफेल के दस्तावेज गायब होने संबंधी खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि 'देश की सुरक्षा के साथ इस प्रकार का गम्भीर व घातक खिलवाड़ नरेन्द्र मोदी सरकार में ही मुमकिन हो पाया है और अगर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई नहीं हो रही होती तो शायद देश को कभी यह पता ही नहीं चल पाता कि ऐसी गम्भीर घटना केन्द्र सरकार की नाक के नीचे हुई है।

उन्होंने कहा,‘‘यह सरकार को पूरी तरह से शर्मिन्दा करने वाली अति-गम्भीर घटना है जो देश की 130 करोड़ आमजनता को चिन्तित कर रही है और अब खासकर लोकसभा चुनाव के समय में वे यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या वाकई देशहित और देश की सुरक्षा सुरक्षित और मजबूत हाथों में है जैसा कि दावा किया जा रहा है?'

बसपा प्रमुख ने कहा कि राफेल विमान सौदे के संबंध में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जाँच कराने की विपक्ष की मांग को बीजेपी संसद के भीतर और बाहर भी लगातार ठुकराती रही है, इसलिए अब नई बदली हुई परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट को अपनी निगरानी में समुचित जाँच अवश्य करानी चाहिये ताकि देश को संतुष्टि मिल सके वरना देश सुरक्षा के मामले में भी आमजनता को गंभीर आशंका बनी रहेगी।'