नई दिल्ली: आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 1320 मेगा वाट खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र को 11,089.42 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दे दी है। निवेश को यह मंजूरी एक ऐसे वक्त पर दी गई है जब कोयला आधारित ऊर्जा क्षेत्र तमाम तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसके कारणों में प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के कारण कोयला से बिजली उत्पन्न करने की कीमतें बढ़ने और बिजली कंपनियों के लिए बिजली का मंहगा वितरण भी शामिल है।

खुर्जा ताप संयंत्र को निवेश की मंजूरी मिलने के संबंध में ग्रीनपीस इंडिया की पुजारिनी सेन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) लागू करने के लिए आवंटित 400 करोड़ रुपए के बाद सरकार ने 11,089.42 करोड़ कोयला विद्युत संयंत्र लगाने के लिए दिए हैं। वह भी दुनिया के सबसे प्रदूषित एनसीआर क्षेत्र में। यह लोगों के पैसे की बर्बादी तो है ही, सार्वजनिक स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ है।”

इसी हफ्ते ग्रीनपीस और एयरविजुअल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में दुनिया के तीस सबसे प्रदूषित शहरों में 22 भारत के हैं। इसमें एनसीआर सबसे प्रदूषित इलाका है। साथ ही यूपी के सात शहर भी इसमें शामिल हैं, जहां खुर्जा प्लांट प्रस्तावित है।

अध्ययन बताते हैं कि यूपी में 2017 में 2.6 लाख मृत्यु वायु प्रदूषण की वजह से हुए हैं, वहीं पूरे भारत में ये संख्या 12.4 लाख है।

ख़ुर्जा पावर प्लांट को कोयला अमेलिया कोल ब्लाक से मिलेगा जो सिंगरौली में है। अमेलिया में खनन से हज़ारों ग्रामीणों की जंगल पर आधारित जीविका को ख़तरा है और महान वन क्षेत्र की जैव विविधता को भी नुक़सान पहुँचेगा।

पुजारिनी कहती हैं, “यह निवेश कई तरीकों में भयावह साबित हो सकता है। सर्वप्रथम तो है दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों में शामिल है, यह देश के सबसे पुराने वन क्षेत्रों की बर्बादी का कारण बनेगा। यह वन्य जनजातियों को प्रभावित करेगा और कोयला ऊर्जा क्षेत्र पर अतिरिक्त भार बनेगा। इसके साथ ही बिजली कंपनियों के लिए बिजली का वितरण और भी मंहगा हो जाएगा”।

इसी तरह दूसरा थर्मल पावर प्लांट बक्सर में आवंटित हुआ है जहाँ 10,439.09 करोड़ का निवेश होगा।