नई दिल्ली : दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच कोई गठबंधन नहीं होगा। दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इसके पहले चर्चा थी कि दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर करीब-करीब सहमति बन गई है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और आप दिल्ली की तीन-तीन सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को खड़ा किया जा सकता है। हालांकि, शीला दीक्षित ने गठबंधन की अटकलों पर विराम लगा दिया है। दीक्षित ने कहा कि पार्टी ने सर्वसम्मति से दिल्ली में गठबंधन न करने का फैसला लिया है।

इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई कि दिल्ली की सात सीटों के लिए दोनों पार्टियों के बीच '3+3+1' के सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर करीब-करीब सहमति बन गई है। यानि कि कांग्रेस और आप तीन-तीन सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि भाजपा नेता यशवंत सिन्हा को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतारने की चर्चा थी। अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बयान के बाद दोनों पार्टियों के बीच संभावित गठबंधन पर विराम लग गया है। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन पर चर्चा के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई थी। समझा जाता है कि इस बैठक में आप से गठबंधन न करने का फैसला लिया गया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिनों पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की अपनी इच्छा जताई थी लेकिन कांग्रेस ने उनकी मांग को कोई तवज्जो नहीं दी। इसके बाद आप ने गत शनिवार को दिल्ली की छह सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। पार्टी ने पश्चिमी दिल्ली से अपने उम्मीदवार की घोषणा अभी नहीं की है। आप ने नई दिल्ली से बृजेश गोयल, पूर्वी दिल्ली से आतिशी, उत्तर पूर्वी दिल्ली से दिलीप कुमार पांडे, दक्षिण दिल्ली से राघव चढ्ढा, चांदनी चौक से पंकज गुप्ता और उत्तर पश्चिम दिल्ली से गगन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है।

सूत्रों की मानें तो शीला दीक्षित शुरू से ही आप के साथ गठबंधन के खिलाफ रही हैं। आप के इतिहास को देखते हुए वह नहीं चाहतीं कि उसके साथ दोबारा किसी तरह का गठबंधन हो। पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट पर शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित चुनाव लड़ते आए हैं। आप ने इस सीट पर आतिशी को अपना उम्मीदवार बनाया है।