नई दिल्ली: एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में बड़ी संख्या में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट अधर में लटके हुए हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बड़ी चपत लग रही है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ANAROCK और भारत की एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट को Infrastructure & Real Estate: A fulcrum for change & Economic Growth नाम दिया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में चल रहे 1420 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से 369 प्रोजेक्ट देरी से चल रहे हैं, वहीं 366 अन्य प्रोजेक्ट अपने तय समय से काफी पीछे चल रहे हैं और कह सकते हैं कि लटके हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की देरी की वजह से इनकी लागत में करीब 33 अरब रुपए की बढ़ोत्तरी हो गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाना चाहती है तो उसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की तरफ ध्यान देना होगा। यदि भारत को साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पाना है तो सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट की विकास दर को बढ़ाना होगा, जो कि अभी कुल अर्थव्यवस्था का 29.5 प्रतिशत है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के सामने आ रही चुनौती को इसी बात से समझा जा सकता है कि देश में चल रहे कुल 1420 प्रोजेक्ट्स में से 366 प्रोजेक्ट्स औसतन 46 महीने की देरी से चल रहे हैं। इसमें तेजी के लिए पर्यावरण और राजनीतिक संतुलन बनाना सरकार के लिए चुनौती है।

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि यदि इस क्षेत्र के प्रति इसी तरह की उदासीनता बनी रही तो, जो क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की गति को बढ़ा सकता है, वह ऐसे हालात में अपनी चमक खो सकता है। देश की अर्थव्यवस्था में इस वक्त इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र का योगदान 29.5 प्रतिशत है, जो कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। वहीं अमेरिका में यह दर 22.6 प्रतिशत और चीन में यह दर 17.6 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में तेजी लाकर सरकार देश की अर्थव्यवस्था के विकास में उल्लेखनीय तेजी ला सकती है, जिससे भारत का विश्व में दबदबा बढ़ेगा।