लखनऊ: लखनऊ स्थित प्रेस क्लब में अयोध्या के मंदिर-मस्जिद विवाद पर अयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम और आर्ट ऑफ़ लिविंग ने की अनूठी पहल, कहा कि दोनों समुदाय बातचीत से निकालेंगे इस समस्या का हल ।

कार्यक्रम की शुरआत करते हुए मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम के अध्यक्ष सय्यद रफत ने कहा कि मुस्लिम समुदाय इस विवाद पर समझौता करना चाहता है लेकिन शर्तों के साथ । उन्होंने कहा कि पहले बातचीत के दौर की शुरुआत की जाए कि इस विवाद में हम क्या कर सकते हैं और क्या संभव है साथ ही साथ हमें यह भी देखना होगा कि जो शर्तें असंभव है उन्हें हम कैसे संभव बना सकते है । हमें बातचीत के माध्यम से ही सारे विकल्प तलाशने की जरूरत है ।

आर्ट ऑफ़ लिविंग के राष्ट्रीय निदेशक गौतम विज ने काय्र्रकम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि न्यायालय का फैसला दोनों पक्षों के दिलों को साथ नहीं ला सकता है। यदि हमें सारे पक्षों को साथ लाना है तो हमें बातचीत के माध्यम से प्रयास करने पड़ेंगे ।

उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायधीश बी डी नकवी ने कहा कि हाल फिलहाल में जिस तरह भारत-पाकिस्तान अपनी समस्याओं का समाधान बातचीत के माध्यम से कर रहा है तो फिर हम दोनों पक्षों को साथ एक साझा मंच पर ला कर क्यों नहीं बातचीत कर सकते हैं । उन्होंने यह भी कहा कि इस विवाद का कानूनी हल नहीं है लिहाजा जो भी पक्ष समझौते को राजी हैं , हमें आगे बढ़ कर उनकी मुहिम का समर्थन करना चाहिए और आइंदा ऐसी कोई भी घटना की पुनवर्ति ना हो इसका आश्वासन चाहिए है।

बाबरी मस्जिद विवाद के मुख्य पक्षकार हाजी महबूब ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इस मुद्दे पर बैठ कर सुलह होनी चाहिए क्योंकि यह किस्सा दिन-प्रतिदिन खिंचता चला जा रहा है । हम नहीं चाहते कि 1992 जैसे हालात फिर से बनें ।