नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के तालमेल में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) को एक भी सीट नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए पार्टी के नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को कहा कि उनकी उपेक्षा की गई है और इस फैसले पर दोनों पार्टियों को पुनर्विचार करना चाहिए. बता दें महाराष्ट्र में बनी सहमति के अनुसार, बीजेपी 25 और शिवसेना 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने उनसे संपर्क किया है, लेकिन वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी और शिवसेना उन्हें सीट नहीं देते हैं तो उनकी पार्टी को आगे की रणनीति पर विचार करना पड़ेगा.

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री अठावले ने कहा, ‘रिपब्लिकन पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ने की घोषणा बहुत गंभीर बात है. मैं खुश नहीं हूं. नाराज हूं. उन्होंने दलित समाज की उपेक्षा की है, आरपीआई की उपेक्षा की है और मेरी उपेक्षा की है. दलित समाज में भी तीखी प्रतिक्रिया हो रही है.’

उन्होंने कहा,‘2014 में हमारी पार्टी के लिए एक सीट (सतारा) छोड़ी गई थी. मैंने बार बार कहा था कि बीजेपी और शिवसेना को साथ आना चाहिए. अब वे साथ आए हैं तो अच्छी बात है, लेकिन आरपीआई को भूलना ठीक बात नहीं है. हमारी महाराष्ट्र में ताकत है और आरपीआई के वोटों की बदौलत इनको जीत भी मिली. अगर हमें साथ नहीं लेते हैं तो इनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.’