नई दिल्ली: 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 सैनिकों के मारे जाने के बाद देश के कई हिस्सों में कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है। इसी के विरोध में श्रीनगर और आसपास के इलाकों में बंद बुलाया गया है। जम्मू और अन्य राज्यों में कश्मीरियों पर भीड़ के हमलों के खिलाफ व्यापारियों के निकायों ने रविवार को पूर्ण घाटी बंद का आह्वान किया। ट्रांसपोर्टरों ने बंद का समर्थन किया है। अधिकारियों ने पुराने शहर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाए हैं और हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को कम किया है।

जम्मू में रविवार को कर्फ्यू लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने कहा कि यह तब तक लागू रहेगा जब तक शहर में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं होता। प्राधिकरण बाद में फैसला करेगा कि कर्फ्यू में ढील दी जा सकती है या नहीं।

देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरियों को आतंकी हमले के प्रतिशोध में परेशान या भयभीत करने की सूचना मिली थी, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की ताकि छात्रों और जम्मू और कश्मीर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

देश के कई हिस्सों में कश्मीरियों को मकान खाली करने के लिए कहा गया है। जिन कॉलेजों या संस्थानों में वे अध्ययन करते हैं, उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया है। एक भीड़ ने देहरादून में एक कश्मीरी छात्राओं के छात्रावास पर कब्जा करने की कोशिश की।

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने घाटी के बाहर रहने वाले छात्रों और अन्य कश्मीरियों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन जारी की है।

कश्मीरियों की मदद के लिए सीआरपीएफ भी सामने आई है। सीआरपीएफ ने मददगार नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कुछ नंबर जारी किए गए हैं जिन पर कश्मीरी छात्र मदद मांग सकते हैं। ट्वीट में लिखा गया है, 'कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी छात्र और आम नागरिक किसी भी तरह की मुसीबत या उत्पीड़न की स्थिति में किसी भी वक्त (24*7) टॉल फ्री नंबर 14441 पर कॉल कर सकते हैं या फिर तुंरत मदद के लिए 7082814411 नंबर पर एसएमएस कर सकते हैं।'