सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्तों में नया विजन डॉक्यूमेंट माँगा

नई दिल्ली: दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल का सही से रख-रखाव न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। बुधवार (13 फरवरी, 2019) को इस बाबत दायर याचिका पर सुनवाई के वक्त कोर्ट ने चार हफ्तों के भीतर सरकार से नया विजन डॉक्यूमेंट दाखिल करने के लिए कहा। योगी सरकार को इस दस्तावेज में बताना होगा कि आखिर वह भविष्य में ताज के मेंटिनेंस के लिए क्या कदम उठाएगी।

ताज संरक्षण मसले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “हम ताज को लेकर चिंतित हैं। हम सरकार की किसी गतिविधि का विरोध नहीं करते, मगर हम जगह को लेकर परेशान हैं। विजन डॉक्यूमेंट के बगैर हम, आपकी किसी और याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे। बिना उसके मामले पर कैसे सुनवाई करें? डॉक्यूमेंट के बाद ही सुनवाई होगी।” ताज के संरक्षण पर कोर्ट ने योगी सरकार से यह भी कहा कि वह दो माह में अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करे। साथ ही बताए कि आगरा को ऐतिहासिक शहर (हेरिटेज सिटी) का टैग दिया जा सकता है या नहीं?

कोर्ट ने इससे पहले भी ताज संरक्षण मामले पर चिंता जाहिर की थी। ठीक से इसका रख-रखाव न किए जाने पर उसने यूपी के अलावा केंद्र सरकार और ताज ट्रैपेजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण को लताड़ा था। कोर्ट का तब कहना था, “सोचिए तब क्या होगा, जब यूनाइटेड नेशंस एजुकेश्नल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (युनेस्को) ताज को दिया गया विश्व ऐतिहासिक धरोहर (वर्ल्ड हेरिटेज साइट) का टैग वापस ले लेगा?”

मार्च 2018 में कोर्ट ने यूपी सरकार से ताज की सुरक्षा, संरक्षण और ताज ट्रैपेजियम जोन में पर्यावरण को लेकर विजन डॉक्यूमेंट सौंपने के लिए कहा था। तकरीबन 10,400 स्क्वैर फुट वाला यह जोन उ.प्र के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और इटा व राजस्थान के भरतपुर जिले तक फैला है। कोर्ट लंबे समय से इस जोन के संरक्षण को संवारने और बचाने को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर निगाह रखे है। बता दें कि 1631 में मुगल बादशाह शाहजहां ने पत्नी मुम्ताज की याद में ताजमहल बनवाया था।