नई दिल्ली : प्रियंका गांधी के अमेरिका दौरे से लौटने के बाद कांग्रेस ने उनकी ताजपोशी की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के दिल्ली स्थित कार्यालय में एक कमरे के बाहर प्रियंका गांधी वाड्रा का नेमप्लेट लगा दिया गया है। महासचिव पद का कार्यभार संभालने के बाद प्रियंका गांधी इस कार्यालय से पार्टी का कामकाज देखेंगी। बता दें कि प्रियंका गांधी सोमवार को अपने अमेरिकी दौरे से स्वदेश लौटीं। प्रियंका सात फरवरी को कांग्रेस की एक बैठक में शामिल होंगी।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत 23 जनवरी को प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव बनाए जाने की घोषणा की। इस घोषणा के साथ ही प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में शुरुआत हो गई। लोकसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस ने यूपी की राजनीतिक लड़ाई को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। यूपी के दो क्षेत्रीय दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने साथ चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन किया है।

सपा-बसपा गठबंधन के बाद कांग्रेस खुद को हाशिए पर जाती हुई देख रही थी। ऐसे में उसने प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतार कर ट्रंप कार्ड खेला है। प्रियंका की राजनीति में आने को एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है।

अमेरिका से लौटने के बाद प्रियंका ने अपने भाई राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रियंका की ताजपोशी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इस बीच कहा गया है कि राहुल गांधी ने सात फरवरी को राज्यों के पदाधिकारियों की की एक बैठक बुलाई है जिसमें प्रियंका उपस्थित रहेंगी। इसके अलावा नौ फरवरी को होने वाली कांग्रेस प्रदेश प्रभारियों एवं विधायकों की बैठक में भी वह शामिल हो सकती हैं।

मीडिया रिपोर्टों में ऐसी चर्चा थी कि प्रियंका गांधी चार फरवरी को कुंभ में स्नान करने के बाद औपचारिक रूप से महासचिव पद संभालेंगी। कांग्रेस का कहना है कि वह प्रियंका को केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रखेगी बल्कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देगी। कांग्रेस का मानना है कि प्रियंका के राजनीति में आने से यूपी में वह खुद को मुकाबले में रख सकती है। प्रियंका की असली चुनौती पूर्वी उत्तर प्रदेश में होगी क्योंकि यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ है और यहीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी और भाजपा की पारंपरिक सीट गोरखपुर है।