लखनऊ: पूरे विश्व में 4 फरवरी को मनाया जाने वाला , विश्व कैंसर दिवस एक ऐसा दिन है जो कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों इस भयानक बीमारी के होने वाले नुकसान को बताने के साथ ही इसके लिए नए उपचारों की खोज जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया था। हालाँकि, इसका मुख्य लक्ष्य वर्ष 2020 तक कैंसर से होने वाली बीमारी और मृत्यु के मामलों को गंभीरता से कम करना है।

इस पर अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ0 हर्षवर्धन आत्रेय ने बताया कि आमतौर पर इस तरह की बीमारी होने पर मरीज डिप्रेशन में चला जाता है। पिछले वर्षों में कैंसर के सफल उपचार में काफी प्रगति हुई है। जब हम सर्जरी और बायोप्सी के बारे में बात करते हैं, तो लोगों को अभी भी गलतफहमी है कि सर्जरी के कारण चीरा लगने से कैंसर की वृद्धि दर में तेजी आती है। मानक प्रक्रियाओं के बाद सर्जन विशेष विधियों का उपयोग करते हैं और ट्यूमर को हटाने के लिए बायोप्सी या सर्जरी के दौरान कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने के लिए कई उपचार करते हैं। शुरुआती दौर में ही नई तकनीक और सर्जरी की मदद से कैंसर को पूरी तरह से दूर करना संभव है। आपके डॉक्टर द्वारा बायोप्सी का सुझाव देने के दो मुख्य कारण रहते हैं, बेहतर निदान के लिए आपके कैंसर के टिशू सैंपल प्राप्त करना है, ताकि सबसे प्रभावी ड्रग थेरेपी लेने में मदद मिल सके और सर्जरी, कीमोथेरेपी जैसे उपचार करने से पहले आपको बीमारी का सही स्तर पता चल सके ।

डॉ0 हर्षवर्धन आत्रेय ने 'सुपरफूड कैंसर को ठीक करने में मदद करता है' इस अवधारणा को दूर करते हुए बताया कि शब्द "सुपरफूड", एक नया शब्द है जो कि बेरी फल, ब्रोकली, टमाटर, लहसुन जैसे खाद्य पदार्थों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है। हालाकि ऎसा सोचा जाता है कि इन सभी के इस्तेमाल से कैंसर जैसी बीमारी से बचा जा सकता है। परंतु अभी तक वास्तव में एसे कोई पर्याप्त वैज्ञानिक सबूत और शोध नहीं हैं, जो यह साबित कर सके। बेशक यह सभी आपको स्वस्थ रहने में सहायक है, परन्तु इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ये आहार कैंसर को कम कर सकते हैं, किसी व्यक्ति के बचने की संभावना बढ़ा सकते हैं या कैंसर का इलाज कर सकते हैं।

डॉ0 हर्षवर्धन आत्रेय के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का वजन कम होने लगता है, अचानक असुविधा महसूस करता है, भूख कम लगना, मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव, शरीर से अनावश्यक रक्तस्राव महसूस करता तो बिना किसी देरी के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । हमें समय-समय पर नियमित जांच करवानी चाहिए ताकि हम अपने शरीर में होने वाले किसी भी विकार के बारे में जान सकें।