नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एके सीकरी ने रविवार को एक कार्यक्रम में लॉ स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के मूल्य दांव पर लगे हैं. ऐसे में कानून और संविधान को बरकरार रखने तथा लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है. इस कार्यक्रम में जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ भी मौजूद थे.

गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए जस्टिस सीकरी ने कहा, 'आज हम एक अलग ही तरह के परिवर्तन से गुजर रहे हैं. पूरी दुनिया को देखो, 2500 साल पहले ग्रीस ने पूरी दुनिया को लोकतंत्र के जो मूल्य दिये वे आज दांव पर लगे हैं.'

ग्रेजुएट हो रहे छात्रों को संबोधित करते हुए जस्टिस सीकरी ने कहा, 'इस प्रोफेशन के बारे में एक चीज अच्छी है कि इसमें आप अपने नैतिक मूल्यों के साथ चलते हुए भी खूब सारा पैसा बना सकते हैं. जबकि कुछ अन्य प्रोफेशंस में पैसों के लिए अपने मुल्यों के साथ समझौता करना पड़ता है.'

इस कार्यक्रम में जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ भी शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता के लिए लड़ाई में पुरुषों की अहम भूमिका है. उन्होंने लैंगिक भूमिकाओं को लेकर बनी धारणाओं को तोड़ने पर भी जोर दिया.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा और भेदभाव की समस्याएं उनके अधिकारों और मुद्दों पर लोगों की संवेदनहीनता से और भी बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा, 'लैंगिक समानता के लिए लड़ाई अकेले महिलाएं नहीं लड़ सकतीं. इसके लिए पुरुषों को अहम भूमिका निभानी होगी.'